नरेंद्र मोदी सरकार ने राष्ट्रीय जातिगत जनगणना का फैसला लिया है। जातीय जनगणना को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसले के बाद भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर वर्ग के लिए प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, कि यह फैसला सामाजिक न्याय को सशक्त करने की दिशा में बड़ा कदम है और इसका स्वागत देशभर के सभी वर्गों ने किया है।
प्रधान ने कहा, “यह निर्णय दर्शाता है कि मोदी सरकार समाज के हर तबके को साथ लेकर चलने के लिए प्रतिबद्ध है। गृह मंत्री ने लगभग एक वर्ष पूर्व ही इस दिशा में संकेत दिया था। अब औपचारिक रूप से इसे सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है।”
कांग्रेस पर तीखा हमला
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, कि पिछड़ों और वंचितों के अधिकार कांग्रेस को कभी रास नहीं आए। उन्होंने आरोप लगाया कि 1951 में जब जनगणना से जातिगत आंकड़े हटाए गए, तब देश में जवाहरलाल नेहरू की सरकार थी। नेहरू जी आरक्षण के विरोधी थे और उन्होंने राज्यों को चिट्ठी लिखकर इस पर आपत्ति जताई थी।
अगर बाबा साहब अंबेडकर और महात्मा गांधी नहीं होते, तो समाज को उसका हक नहीं मिलता।उन्होंने राहुल गांधी की हालिया टिप्पणियों को खारिज करते हुए कहा कि राहुल गांधी को पहले अपने पिता राजीव गांधी का मंडल आयोग पर रुख समझना चाहिए और जयराम रमेश से पूछना चाहिए कि कांग्रेस ने पिछड़ों के लिए क्या किया।”
कुछ लोग बौखलाए हुए हैं
धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया को बौखलाहट बताया। उन्होंने कहा कि जैसे ही निर्णय आया, कुछ लोगों ने तिलमिलाकर कहा कि सरकार और सिस्टम हमारा है। उन्होंने यह भी कहा, कि कांग्रेस पार्टी हमेशा सामाजिक न्याय की राह में रोड़ा रही है और आज जब मोदी सरकार यह काम कर रही है तो वे बेचैन हैं।
राहुल गांधी का सामाजिक न्याय ATM नहीं
प्रधान ने जातीय जनगणना के फैसले को 21वीं सदी का गेम चेंजर बताया और कहा कि अब सामाजिक न्याय को केवल एक राजनीतिक औजार की तरह नहीं, बल्कि नीतिगत अधिकार के रूप में देखा जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सामाजिक न्याय को अपनी बपौती समझते थे। मोदी जी ने उसे डिजिटल कर दिया है और अब उनकी दुकान बंद हो गई है।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी की बातों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। वे कहते हैं कि उनकी शादी तय हो गई है, लेकिन सिर्फ उनकी स्वीकृति है। यानी यह केवल 50% है। यही स्थिति उनके राजनीतिक दावों की है।
मोदी सरकार का लक्ष्य समावेशी विकास
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया, जो दशकों तक लंबित था। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मूल मंत्र को लेकर काम किया है और यही नीति जातीय जनगणना के फैसले में झलकती है।
भारतीय जनता पार्टी ने इस फैसले को सामाजिक समरसता की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल बताते हुए दावा किया कि मोदी सरकार ने एक बार फिर खोखले वादों और सच्ची नीयत के फर्क को देश की जनता के सामने स्पष्ट कर दिया है।