Adani Group-Hindenburg Row: अडानी समूह-हिंडनबर्ग विवाद पर सुप्रीम कोर्ट पैनल की आई रिपोर्ट को कांग्रेस ने एक सिरे से खारिज कर दिया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में जो निष्कर्ष निकाले गए हैं, वे पूर्वानुमान के अनुसार हैं। लेकिन यह बात फर्जी है कि अडानी समूह को क्लीनचिट मिल गई है। उन्होंने अडानी समूह की जांच के लिए एक बार फिर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच की मांग को दोहराया है।
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दरअसल, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ पैनल ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में पाया कि हाल के वर्षों में अडानी समूह में किसी भी नियामक गड़बड़ी के कोई संकेत नहीं मिले हैं। स्टॉक की कीमतों में तेजी से उछाल में हेराफेरी का कोई स्पष्ट पैनर्ट नहीं है। जिससे किसी एक यूनिट या समूह को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
The Congress has all along been saying that the Expert Committee appointed by the Supreme Court has extremely limited terms of reference and will simply be unable(and perhaps unwilling too) to unravel the Modani scam in all its complexity. However, we have the following 5… pic.twitter.com/bHiSwgGAdm
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जयराम रमेश ने गिनाए 5 बड़े मुद्दे
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर पांच मुद्दे उठाए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी कहती रही है कि अदालत द्वारा नियुक्त पैनल के पास बहुत सीमित अधिकार क्षेत्र है। यह मोदानी घोटाले की जटिलता को बेनकाब नहीं कर सकती है। ये हैं पांच बड़े आरोप-
- समिति का अधिकार क्षेत्र सीमित है, वह घोटाले को बेनकाब नहीं कर सकता है।
- समिति किसी निष्कर्ष पर पहुंचने में असफल रही। जब निष्कर्ष नहीं निकला तो कैसे निष्कर्ष निकलता कि कोई नियामकीय विफलता नहीं हुई है।
- सेबी इस बात का लेकर संतुष्ट नहीं है कि एफपीआई को धन देने वाले लोगों का अडानी से कोई संबंध नहीं है।
- भारतीय जीवन बीमा निगम ने अडानी के 4.8 करोड़ शेयर उस समय खरीदे जब यह 1031 रुपए से बढ़कर 3859 रुपए हो गए।
- अडानी को क्लीनचिट दिए जाने की बात करना पूरी तरह से फर्जी है।
जयराम रमेश ने कहा कि हम समिति की रिपोर्ट पर इसके सदस्यों की प्रतिष्ठा को देखते हुए और कुछ नहीं कहना चाहते हैं, सिवाय इसके कि इसके निष्कर्ष पूर्वानुमानित थे। अडानी समूह को क्लीन चिट देना पूरी तरह से फर्जी है। उन्होंने जेपीसी की मांग को दोहराया है।
24 जनवरी को आई थी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट
अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी को एक रिपोर्ट जारी कर अडानी समूह की कंपनियों को ओवरवैल्यूड बताया। यह भी कहा कि मुनाफा कमाने के लिए अकाउंट्स में हेरफेर किया गया। इसके बाद अडानी समूह को करीब 100 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। इस मुद्दे को विपक्ष ने लपक लिया। अडानी समूह की जांच को लेकर विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में जमकर हंगामा किया। बीते दिनों संसद सत्र भी हंगामे का भेंट चढ़ गया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो जांच के लिए छह सदस्यीय विशेष कमेटी बनाई गई थी। कमेटी की अगुवाई सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एएम सप्रे ने किया।
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