---विज्ञापन---

देश

भारत में 35% रेस्टोरेंट्स छोड़ना चाहते हैं फूड डिलीवरी ऐप, क्या अब घर बैठे नहीं मिलेगा खाना?

भारत में आज के समय में आपका खाना आपके घर तक बस कुछ ही मिनटों में पहुंच जाता है. इसका कारण भारत में मौजूद फूड डिलीवरी ऐप्स हैं जो आज के समय में भारत की फूड इकॉनमी से गहराई से जुड़े हुए हैं. फूड डिलीवरी ऐप्स के माध्यम से ही रेस्टोरेंट कस्टमर तक कैसे पहुंचते हैं, ऑपरेशान कैसे मैनेज करते हैं और रेवेन्यू कैसे कमाते हैं यह सब तय होता है.

Author Written By: Versha Singh Updated: Dec 19, 2025 17:35

भारत में आज के समय में आपका खाना आपके घर तक बस कुछ ही मिनटों में पहुंच जाता है. इसका कारण भारत में मौजूद फूड डिलीवरी ऐप्स हैं जो आज के समय में भारत की फूड इकॉनमी से गहराई से जुड़े हुए हैं. फूड डिलीवरी ऐप्स के माध्यम से ही रेस्टोरेंट कस्टमर तक कैसे पहुंचते हैं, ऑपरेशान कैसे मैनेज करते हैं और रेवेन्यू कैसे कमाते हैं यह सब तय होता है.

हालांकि ये प्लेटफॉर्म बड़े कस्टमर बेस तक विजिबिलिटी और एक्सेस तो देते हैं, लेकिन ये फाइनेंशियल और ऑपरेशनल प्रेशर भी अपने साथ लाते हैं.

---विज्ञापन---

प्रोसस द्वारा स्पॉन्सर, नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (NCAER) की एक नई स्टडी में इससे जुड़े कुछ तथ्य सामने आए हैं. बता दें कि शहरों और इलाकों के रेस्टोरेंट के एक डिटेल्ड सर्वे के आधार पर इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अभी फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे लगभग 35% रेस्टोरेंट का कहना है कि अगर उन्हें ऑप्शन दिया जाए तो वे इन ऐप्स से बाहर निकलना चुनेंगे. साथ ही, लगभग दो-तिहाई का कहना है कि वे इन ऐप्स का इस्तेमाल जारी रखेंगे.

इस रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि फूड डिलीवरी ऐप अब ऑप्शनल ऐड-ऑन नहीं रहे, बल्कि रेस्टोरेंट इंडस्ट्री के एक बड़े हिस्से के काम करने के तरीके का सेंटर बन गए हैं.

---विज्ञापन---

कुछ रेस्टोरेंट फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म क्यों छोड़ना चाहते हैं?

दरअसल, स्टडी में ये सामने आया है कि ऐप्स को लेकर नाराजगी का सबसे बड़ा कारण हर ऑर्डर पर लगने वाला कमीशन है. रिपोर्ट के मुताबिक, प्लेटफॉर्म कमीशन पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ा है और अब बिल की कीमत का एक बड़ा हिस्सा ले लेता है. कई रेस्टोरेंट मालिकों के लिए, इसका मतलब है कि जब ऑर्डर की संख्या ज़्यादा होती है, तब भी हर ऑर्डर पर नेट कमाई कम रहती है.

स्टडी में क्या कहा गया?

स्टडी बताती है कि ‘औसत ‘हर ऑर्डर’ कमीशन 2019 में 9.6% से बढ़कर 2023 में 24.6% हो गया है.’ हालांकि, ‘मीडियम और बड़े’ रेस्टोरेंट के पास ऐप कंपनी से मोलभाव करने की ताकत काफी ज्यादा होती है.

वहीं, इसके उलट, छोटे आउटलेट के पास अक्सर मोलभाव करने की गुंजाइश कम होती है और वे मार्जिन के दबाव में ज्यादा रहते हैं. कमीशन के अलावा, रेस्टोरेंट ने प्लेटफॉर्म से खराब कस्टमर सर्विस और लगातार ऑर्डर के बावजूद कम प्रॉफिट होने को भी फूड डिलीवरी ऐप छोड़ने का एक कारण बताया है.

इन चिंताओं के बावजूद, ज्यादातर रेस्टोरेंट फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म पर लगातार बने हुए हैं. स्टडी में विजिबिलिटी और नेटवर्क एक्सेस को सबसे बड़े फायदे के तौर पर बताया गया है. किसी पॉपुलर ऐप पर लिस्ट होने से रेस्टोरेंट अपने आस-पड़ोस के बाहर भी कस्टमर्स तक पहुंच सकते हैं और नए डाइनर्स को अट्रैक्ट कर सकते हैं जो शायद उन्हें नहीं ढूंढ पाते.

वहीं इसके अलावा, प्लेटफॉर्म रेस्टोरेंट को अपने ऑपरेटिंग घंटे बढ़ाने, ऑफ-पीक समय में ऑर्डर जेनरेट करने और अपने खुद के लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर में इन्वेस्ट किए बिना अपने डिलीवरी रेडियस को बढ़ाने में भी मदद करते हैं.

यह भी पढ़ें- दुबई भागे Youtuber अनुराग द्विवेदी पर ED का शिकंजा, अवैध बैटिंग एप मामले में 4 करोड़ की लगजरी कारें सीज

रिपोर्ट में ये भी आया सामने

इस रिपोर्ट में तीन खास वजहें थीं जिसमें ज्यादातर रेस्टोरेंट ने जवाब दिया कि उन्हें किसी प्लेटफॉर्म से जुड़ने पर अच्छा असर महसूस हुआ-

  • 59% प्लेटफॉर्म रेस्टोरेंट ने जवाब दिया कि इससे उनके लोकेशन का ज्योग्राफिकल एरिया बढ़ा.
  • 52.7% ने जवाब दिया कि इससे मेन्यू में खाने की चीजें बढ़ गईं.
  • 50.4% ने जवाब दिया कि इससे कस्टमर की संख्या बढ़ गई.

वहीं, नए और छोटे रेस्टोरेंट के लिए, ये फायदे अक्सर नुकसान से ज्यादा ही होते हैं, जिससे मार्जिन पर दबाव होने पर भी प्लेटफॉर्म से बाहर निकलना उनके लिए मुश्किल हो जाता है.

First published on: Dec 19, 2025 05:35 PM

संबंधित खबरें

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.