World Obesity Day 2025: मोटापा एक लाइफस्टाइल डिसऑर्डर है, जो कि देश में काफी एक्टिव है। इस बीमारी से देश के बच्चे भी प्रभावित हैं। आज वर्ल्ड ओबेसिटी डे है। हर साल 4 मार्च को इस दिवस को मनाया जाता है, ताकि मोटापा और उससे होने वाले नुकसानों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाई जा सके। भारत में यह बीमारी पुरुषों, महिलाओं से लेकर युवाओं पर भी अटैक कर रही है। ओबेसिटी को लेकर एक हेल्थ रिपोर्ट बताती है कि देश में 35% बच्चे ओबेसिटी के शिकार हैं। चलिए जानते हैं इसके नुकसानों के बारे में।
क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट?
वर्ल्ड ओबेसिटी डे के उपलक्ष्य पर आपको यह जानना जरूरी है कि मोटापे की समस्या सिर्फ बड़ों या किसी एक आयु वर्ग को प्रभावित नहीं कर रही है बल्कि बच्चों को भी प्रभावित कर रही है। एनबीटी में छपी एक खबर के अनुसार, सफदरजंग अस्पताल के पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर जुगल किशोर कहते हैं कि बच्चों में ओबेसिटी का कारण उनकी खराब लाइफस्टाइल, घंटों टीवी- मोबाइल और सोशल मीडिया पर लगे रहना और कम शारीरिक गतिविधि को अपनाना है।
ये भी पढ़ें- बवासीर को कैसे दूर भगाएंगी रसोई में छिपी ये चीजें
बचपन की गलतियां
डॉक्टर महेश हीरानंदानी सेहतनामा विद राजिन्दर पेज पर शेयर एक वीडियो में बताते हैं कि छोटे बच्चों में वजन बढ़ने का कारण उनकी जन्म से सही डाइट का पालन न करवाना है। वे कहते हैं 1 से डेढ़ साल के बच्चों को दिन में 250 ग्राम दूध पीना चाहिए लेकिन हमारे देश में इस उम्र के बच्चे 1 दिन में 1 लीटर से ज्यादा दूध पीते हैं, जो कि उनकी सेहत और शरीर दोनों के लिए सही नहीं है।
मोटापे से बढ़ने वाली बीमारियां
- छोटे बच्चों में टाइप 2 डायबिटीज का एक कारण मोटापा भी है।
- मोटापे से बच्चों में हार्ट डिजीज का रिस्क भी बढ़ता है।
- मोटापे की बीमारी से कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी बढ़ता है।
- ज्यादा वजन होने से बच्चों की हड्डियां भी कमजोर हो जाती हैं।
- कुछ रिपोर्ट्स बताती हैं कि कैंसर का भी एक कारण मोटापा हो सकता है।
ये भी पढ़ें- Heart Health: हार्ट की बीमारी के होते हैं ये 3 शुरुआती संकेत
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।