Nutritional Deficiencies In Women: महिलाएं घर और ऑफिस दोनों ही जिम्मेदारियों को संभालते-संभालते अपनी तरफ ध्यान देना बिल्कुल भूल जाती हैं। उन्हें जितनी चिंता अपनी फैमिली की हेल्थ की रहती है, खुद के लिए बहुत लापरवाह होती हैं। अगर आप अपने घर की जिम्मेदारियों को अकेले ही संभालती हैं, तो जरूरी है अपनी सेहत को भी उतनी ही अहमियत दें, जितना घरवालों के लिए होती है। अगर आप ही अनहेल्दी रहेंगी, तो फिर घर-परिवार, ऑफिस के कामों को कैसे संभाल पाएंगी। क्योंकि बढ़ती उम्र में महिलाओं के अंदर कई पोषण की कमी आ जाती है।
महिलाओं की पोषण संबंधी जरूरतें अलग-अलग होती हैं, जो पीरियड, गर्भावस्था, ब्रेस्टफीडिंग और मेनोपॉज जैसे कई फैक्टर से प्रभावित हो सकती हैं। इन के कारण महिलाओं में कुछ विटामिन और खनिज तेजी से खत्म हो सकते हैं। महिलाओं के लिए इन पोषक तत्वों के बारे में जानना और उन्हें फिर उन कमी को पूरा करना बहुत जरूरी है, ताकि वे अपनी हेल्थ को बेहतर बनाए रख सकें।
आयरन
शरीर में हीमोग्लोबिन के लिए आयरन बहुत जरूरी है, रेड ब्लड सेल्स में मौजूद प्रोटीन जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाता है। महिलाएं, खास तौर पर डिलीवरी, मासिक धर्म के दौरान आयरन लॉस हो जाता है, जिससे आयरन की कमी होती है और एनीमिया का जोखिम बढ़ता है। अपने खाने में आयरन से भरपूर फूड्स जैसे- रेड मीट, मछली, मुर्गी, दाल, पालक,बीन्स और फोर्टिफाइड अनाज शामिल करें।
कैल्शियम
कैल्शियम हड्डियों के स्वास्थ्य और अलग-अलग कामों के लिए जरूरी है। महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना अधिक होती है, खासकर मेनोपॉज के बाद, एस्ट्रोजन के लेवल में गिरावट के कारण, जो कैल्शियम अवशोषण और हड्डियों की डेंसिटी को प्रभावित करता है। कैल्शियम वाले फूड जैसे डेयरी प्रोडक्ट (दूध, दही, पनीर), पत्तेदार हरी सब्जियां (केल, ब्रोकली), बादाम और फोर्टिफाइड प्लांट मिल्क का सेवन करें।
विटामिन डी
विटामिन डी कैल्शियम हड्डियों के लिए जरूरी है। महिलाएं खासकर कम धूप ले पाती हैं, उनमें विटामिन डी की कमी का खतरा ज्यादा होता है। लगभग 10-20 मिनट तक रेगुलर धूप लें। फैटी फिश , फोर्टिफाइड डेयरी और विटामिन डी से भरपूर फूड्स खाएं।
फोलेट
फोलेट गर्भावस्था के दौरान न्यूरल ट्यूब दोषों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रिप्रोडक्टिव एज की महिलाओं को भरपूर फोलेट की आवश्यकता होती है। पत्तेदार साग, खट्टे फल, बीन्स, मटर और फोर्टिफाइड अनाज जैसे फोलेट युक्त फूड्स का सेवन करें। फोलिक एसिड की खुराक उन महिलाओं के लिए है जो प्रेगनेंसी प्लान कर रही हैं या गर्भवती हैं।
मैग्नीशियम
मैग्नीशियम शरीर में ज्यादा बायोकेमिकल प्रोसेस में शामिल होता है, जिससे मसल्स का काम, नर्व स्ट्रक्चर और हड्डियां शामिल होती हैं। तनाव, फिजिकल एक्टिविटी और कुछ मेडिसिन मैग्नीशियम के लेवल को कम कर सकती हैं। नट्स, बीज (कद्दू के बीज, चिया बीज), साबुत अनाज, पत्तेदार हरी सब्जियां और डार्क चॉकलेट जैसे मैग्नीशियम युक्त फूड्स शामिल करें। मैग्नीशियम साइट्रेट या ग्लाइसिनेट जैसे मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स फायदेमंद हो सकते हैं, खासकर उन लोगों के लिए जिनमें मांसपेशियों में ऐंठन या थकान जैसे कमी के लक्षण हैं।
विटामिन बी12
विटामिन बी12 रेड ब्लड सेल को बनाने, नर्व से जुड़े काम और डीएनए सिंथेसिस के लिए जरूरी है। महिलाओं और खासकर शाकाहारी लोगों में बी12 की कमी का खतरा ज्यादा होता है। मांस, मछली, डेयरी प्रोडक्ट और अंडे जैसे बी12 युक्त फूड्स को शामिल करें। फोर्टिफाइड प्लांट मिल्क और अनाज भी शाकाहारियों की मदद कर सकते हैं।
आयोडीन
थायरॉयड फंक्शन और हार्मोन प्रोडक्शन के लिए आयोडीन जरूरी है। महिलाएं, विशेष रूप से प्रेगनेंसी के दौरान, फेटस की ग्रोथ और थायराइड डिसफंक्शन को रोकने के लिए आयोडीन की जरूरत होती है। खाना पकाने में आयोडीन नमक का यूज करें और सी फूड, डेयरी प्रोडक्ट का सेवन करें। समुद्री शैवाल भी आयोडीन का एक बेहतरीन सोर्स है।
जिंक
इम्यून फंक्शन, घाव भरने और डीएनए सिंथेसिस के लिए जिंक बहुत जरूरी है। महिलाओं को जिंक की कमी का खतरा होता है। मीट, फलियां, बीज, मेवे और साबुत अनाज जैसे जिंक से भरपूर फूड्स को शामिल करें। जिंक की खुराक फायदेमंद हो सकती है, लेकिन ज्यादा सेवन से बचना जरूरी है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड
ओमेगा-3 फैटी एसिड दिल की सेहत, दिमाग के काम और सूजन को कम करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। महिलाओं, विशेष रूप से वे जो नियमित रूप से मछली का सेवन नहीं करती हैं, उनमें ओमेगा-3 का लेवल कम हो सकता है। ओमेगा-3 युक्त फूड्स जैसे सैल्मन, मैकेरल, अलसी, चिया बीज, अखरोट शामिल करें।
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