WHO Appeals To Government: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में एक अहम मुद्दे पर दुनिया के सभी देशों से एक वैश्विक अपील की है। यह अपील करोड़ों लोगों की दिनचर्या और उनकी पॉकेट पर सीधा असर डाल सकती है। मगर इस उद्देश्य के तहत दुनिया भर में लोगों की सेहत का ख्याल भी रखा जा रहा है। यह अपील तंबाकू, शराब और मीठे पेय पदार्थों पर टैक्स बढ़ाने की सिफारिश की है, जिससे इन उत्पादों की कीमत 50 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।
क्यों लिया गया है यह फैसला?
WHO के इस फैसले का उद्देश्य सिर्फ राजस्व को बढ़ाना नहीं है बल्कि लोगों के स्वास्थ्य को सुधारना है। संगठन का मानना है कि इन फूड आइटम्स की खपत पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ गई है। इससे इनसे संबंधित बीमारियों जैसे कि कैंसर, हार्ट अटैक और ओबेसिटी आदि के भी मामलों में तेजी देखी गई है।
इनकी खपत पर रोकथाम करने के लिए इन पर टैक्स लगाना एक प्रभावशाली उपाय साबित हो सकता है। इस ठोस कदम के जरिए दुनिया भर के देशों में एक चेतावनी और सलाह दी जा सकेगी कि उनकी इन आदतों के माध्यम से उनका खुद का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है।
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आर्थिक दृष्टिकोण से फायदेमंद
आर्थिक नजरिए से देखा जाए, तो जो बड़े देश हैं और जहां इन उत्पादों का सेवन बहुत अधिक होता है, वहां दाम बढ़ने के चलते लोगों में इसकी खरीद में नियंत्रण होगा। इस प्रकार से बीमारियों का रिस्क कम होगा और इलाज में लगने वाले पैसे भी खर्च होने से बच सकेंगे।
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बीमारियों की रोकथाम
शराब, कोल्ड ड्रिंक और तंबाकू ऐसी चीजें हैं, जिनके लगातार सेवन से कैंसर, डायबिटीज और मोटापा यानी ओबेसिटी जैसे रोगों को नियंत्रित किया जा सकता है। ये लाइफस्टाइल से संबंधित बीमारियां हैं, जिसके होने की वजहें भी ऐसे फूड्स का अनियंत्रित प्रकार से सेवन करना है।
इससे क्या लाभ मिलेंगे?
इसे 3 बाय 35 पहल कहा जा रहा है, जिसकी मदद से कई लाभ भी मिलेंगे जैसे कि
- स्वास्थ्य कर को नियंत्रित रखना।
- उद्योगों से संबंधित करों में छूट।
- सामाजिक विकास, शिक्षा में बढ़ावा और स्वास्थ्य के प्रति देखभाल।
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