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हड्डियों की मजबूती से लेकर रिकवरी के लिए जरूरी विटामिन-डी, ये हैं 7 संकेत, ऐसे दूर होगी कमी

Vitamin-D Deficiency: क्या आप जानते हैं भारत में विटामिन-डी की कमी धीरे-धीरे एक चुनौतीपूर्ण स्थिति बन रही है। ये हड्डियों समेत कई बीमारियों से बचाने में भी मदद करता है। आइए जानते हैं इसकी कमी के 7 संकेतों के बारे में और धूप क्यों जरूरी है।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Published By : Namrata Mohanty Updated: Sep 11, 2025 13:19

Vitamin-D Deficiency: विटामिन-डी की कमी अब सिर्फ पोषण संबंधी समस्या नहीं रह गई है बल्कि यह भारत में लाखों लोगों में पाई जाने वाली ऐसी समस्या हो गई है, जो शायद देश के लिए नई चुनौती बन सकती है। इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशन की लेटेस्ट रिपोर्ट बताती है कि हर पांच में से एक भारतीय इस विटामिन की कमी से जूझ रहा है। इसके चलते हड्डियों में किसी तरह का दोष, फ्रैक्चर और लंबे समय तक दिव्यांगता होने का खतरा बढ़ जाता है। आइए समझते हैं हड्डियों से लेकर रोजमर्रा की जिंदगी के लिए विटामिन-डी क्यों अहम माना जाता है।

क्या कहती है रिपोर्ट?

इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशन की रिपोर्ट के अनुसार, एक अकेले हिप फ्रैक्चर से मरीज को ठीक होने में एक साल लग सकता है, जिससे परिवार और स्वास्थ्य व्यवस्था दोनों पर आर्थिक बोझ पड़ता है। इस स्टडी को ICRIER और ANVKA ने मिलकर किया है। उन्होंने पाया कि भारत विटामिन बी-12 और आयरन के बाद विटामिन-डी की कमी को सबसे ज्यादा झेल रहा है। इसकी कमी को समय रहते दूर करना जरूरी है, ताकि बुढ़ापे में दिक्कत न हो सके।

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कब-कब जरूरी है विटामिन-डी?

हड्डियों की मजबूती और हीलिंग के लिए जरूरी

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आकाश हेल्थकेयर के ऑर्थोपेडिक्स एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट विभाग के डायरेक्टर एवं हेड डॉ. आशीष चौधरी कहते हैं कि जब फ्रैक्चर वाले मरीजों में विटामिन-डी का स्तर कम होता है, तो उनको हीलिंग में देरी होती है। वहीं, समय पर इसके सप्लीमेंट लेने से रिकवरी तेज हो जाती है और बेहतर परिणाम मिलते हैं।

कैल्शियम के लिए जरूरी

विटामिन-डी हड्डियों में कैल्शियम के अबजॉर्पशन और नई हड्डी बनने की प्रक्रिया में बेहद महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि इसका सप्लीमेंट हड्डी की मजबूती, दर्द में कमी और पोस्ट-फ्रैक्चर रिस्क को रोकने में सहायक होता है।

विटामिन D के नेचुरल सोर्स

  • धूप, प्रतिदिन 15-20 मिनट सुबह के समय सूरज की रोशनी में बैठे।
  • फैटी फिश जैसे सालमन, टूना और मैकेरल खाएं।
  • फोर्टिफाइड डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करें।
  • ज्यादा कमी आने पर सप्लीमेंट्स का सेवन करें।

धूप ही काफी है, कैसे?

डॉ. चौधरी कहते हैं बदलती लाइफस्टाइल, प्रदूषण और घर के भीतर अधिक समय बिताने की वजह से लोगों के अंदर इसकी कमी ज्यादा होती है। अगर कोई हर रोज सिर्फ 15-20 मिनट का आउटडोर एक्सपोजर ले ले खासकर शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोग तो उन्हें इसकी कमी के लिए दवा की जरूरत नहीं पड़ेगी।

विटामिन-डी की कमी के 7 संकेत

  • हड्डियों और जोड़ों में दर्द होना।
  • दांतों और मसूड़ों में कमजोरी होना।
  • बालों का तेजी से गिरना।
  • कमजोर इम्यूनिटी।
  • नींद की समस्या होना।
  • मूड स्विंग्स की समस्या।
  • घाव न भरना।
  • शरीर में दर्द होना।

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First published on: Sep 11, 2025 01:19 PM

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