Jeebh Ke Cancer Ke Lakshan: जीभ का कैंसर यानी वो कैंसर जो जीभ पर होता है. इस कैंसर में कैंसर की ग्रोथ सेल्स जीभ से शुरू होती हैं और पूरे मुंह में फेलने लगती हैं. इसके अलावा, गले से होते हुए भी जीभ का कैंसर (Tongue Cancer) शुरू हो सकता है. जो कैंसर जीभ से शुरू होता है वो गले से शुरु होने वाले कैंसर से अलग होता है. मुंह से शुरू होने वाले जीभ के कैंसर को ओरल टंग कैंसर कहा जाता है और गले से शुरू होने वाले कैंसर को ओरोफैरिंजियल टंग कैंसर कहते हैं. इसके अलावा, कई अलग-अलग तरह के कैंसर भी जीभ को प्रभावित कर सकते हैं. यहां जानिए जीभ के कैंसर को कैसे पहचाना जा सकता है और इस कैंसर में कैसे लक्षण नजर आते हैं.
जीभ के कैंसर के लक्षण | Tongue Cancer Symptoms
जीभ के कैंसर के लक्षण शुरुआती तौर पर पहचानना मुश्किल हो सकता है क्योंकि ये आम दिक्कतों की तरह ही नजर आते हैं. इस कैंसर में इस तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं –
- जीभ पर सफेद रंग के निशान पड़ना
- मुंह के अंदर सफेद निशान नजर आना
- गले में दर्द रहना जो दवाई खाने पर भी कम ना हो
- ऐसा महसूस करना जैसे आपके गले में हर समय कुछ अटका हुआ है
- जीभ का सुन्न पड़ जाना
- मुंह का सुन्न पड़ जाता है
- कुछ चबाने, निगलने या फिर मुंह या जीभ को हिलाने में तकलीफ होना
- आवाज बदल जाना
- जबड़े का फूल जाना
- यह भी हो सकता है कि खांसते हुए खून निकले या कान में दर्द होने लगे.
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किन लोगों को जीभ के कैंसर का खतरा रहता है
- तंबाकू का सेवन करने वाले लोग, बीड़ी-सिगरेट पीने वाले लोग या सिगार पीने वाले लोगों में जीभ के कैंसर का खतरा रहता है.
- एल्कोहल (Alcohol) का सेवन या जरूरत से ज्यादा मादक पदार्थों के सेवन से मुंह का कैंसर हो सकता है.
- एचपीवी के संपर्क में आने से भी जीभ का कैंसर हो सकता है. यह गले से शुरू होता है.
- पुरुषों को जीभ के कैंसर का खतरा (Tongue Cancer Risk) महिलाओं के मुकाबले ज्यादा होता है क्योंकि वे तंबाकू का सेवन ज्यादा करते हैं.
- बड़ती उम्र में खासतौर से 45 वर्ष की उम्र से ज्यादा होने पर मुंह का कैंसर हो सकता है.
- जो लोग मुंह की सफाई नहीं रखते उन्हें जीभ का कैंसर हो सकता है.
- कमजोर इम्यूनिटी होने पर भी जीभ का कैंसर होने का खतरा रहता है.
क्या जीभ के कैंसर में जीभ को निकाल देते हैं
जीभ के कैंसर में कैंसर वाले हिस्से को निकाल दिया जाता है. इसमें जीभ का कुछ हिस्सा काटा जाता है. इस प्रोसीजर को ग्लोसेक्टोमी कहते हैं. अगर जीभ का कम हिस्सा निकालते हैं तो सर्जन जीभ की रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी भी कर सकते हैं.
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