Home Remedies For Thyroid: थायराइड (Thyroid) आज के समय में बहुत आम बीमारियों में से एक हैं। इसलिए पिछले कुछ सालों में थायराइड (Thyroid) के पेशेंट बढ़ते जा रहे हैं। इसकी एक वजह आपकी लाइफस्टाइल और खराब खान-पान होता है। जिसकी वजह से आपका वजन बढ़ने लगता है जिसके कारण आपके हार्मोंस में गड़बड़ी होने लगती है जोकि थायराइड को बढ़ाने में जिम्मेदार होता है।
अक्सर देखा जाता है कि बढ़ती उम्र के साथ औरतों में थायराइड बढ़ने या कम होने की समस्या होने लग जाती है। थायरॉइड के 2 प्रकार होते हैं पहला हाइपरथायरॉइडिज्म और दूसरा हाइपोथायरॉइड। अगर आप भी थायराइड की समस्या से जूझ रहे हैं तो आप कुछ लक्षणों को पहचानकर थायराइड को कंट्रोल कर सकते हैं, तो चलिए जानते हैं-
क्या हैं थायराइड के लक्षण (Thyroid Symptoms)
- बाल झड़ने की समस्या
- हाथ पैरों में कंपन होना
- मसल्स पेन
- कम नींद आना
- ज्यादा भूख लगना
- दिल की धड़कन का बढ़ना
- वजन का घटना
- पीरियड्स में अनियमितता
- ज्यादा पसीना आना
- चिड़चिड़ापन और घबराहट महसूस होना
इन चीजों के सेवन से कंट्रोल करें थायराइड (Thyroid diet)
डेयरी फूड्स
अगर आप थायराइड के पेशेंट हैं तो आपको अपने आहार में डेयरी प्रोडक्ट्स को जरूर शामिल करना चाहिए। ऐसे में आप दूध, दही, पनीर और अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इससे आपके शरीर को कैल्शियम, विटामिन और जैसे कई पोषक तत्व प्राप्त होते हैं।
आंवला
आंवला में विटामिन सी की अच्छी मात्रा मौजूद होती है जिसके सेवन से आपकी इम्यूनिटी मजबूत होती है। आंवला के सेवन से आपको थायराइड की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है। आंवले के सेवन से आपका ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बना रहता है। इससे आपको बालों को काला करने में मदद मिलती है।
मुलेठी
थायराइड को कंट्रोल करने में मुलेठी बेहद फायदेमंद होती है। मुलेठी में कई ऐेेसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। जिनके सेवन से आपकी थकान और कमजोरी दूर होती है। आप मुलेठी को किसी भी तरीके से खा सकते हैं।
कोकोनट
थायरॉइड के मरीज अपनी डाइट में कोकोनट को जरूर शामिल करें। ऐसे में आप कच्चे नारियल का सेवन कर सकते हैं। कोकोनट के सेवन से आपका मेटाबॉलिज्म मजबूत होता है। इससे आपको थायरॉइड को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
सोयाबीन
अगर आप थायराइड के पेशेंट को अपनी डाइट में सोयाबीन को जरूर शामिल करना चाहिए। ऐसे में आप सोया मिल्क, टोफू या सोयाबीन का सेवन कर सकते हैं। इससे आपको हार्मोन बैलेंस करने में सहायता मिलती है। इससे आप आयोडीन की मात्रा को भी कंट्रोल कर सकते हैं।
अभी पढ़ें – हेल्थ से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें