ऐसी ही एक मेनिया है, जिसमें मरीज को इंटरकोर्स समेत कई सेक्शुअल एक्टिविटी करने की लत लग जाती है। निम्फोमेनिया की बीमारी के चलते एक पीड़िता ने 27 पन्नों में अपने साथ हुई हैवानियत का जिक्र किया था। इसमें यौन उत्पीड़न और धमकियां जैसी बातें लिखी गई थीं। कई तरह के सेक्शुअल हैरेसमेंट के बाद पीड़िता को शारीरिक संबंध की लत की ऐसी आदत पड़ गई थी। चलिए जान लेते हैं क्या है ये बीमारी और इसके लक्षण..
निम्फोमेनिया के लक्षण
निम्फोमेनिया ऐसी मेंटल कंडीशन होती है, जब इससे ग्रस्त सेक्शुअल एक्टिविटी करने के लिए परेशान रहता है और वह चाहकर भी अपनी इच्छा पर कंट्रोल नहीं रख पाता है।
कई मामले ऐसे भी होते हैं, जिनमें हर दिन एक नया साथी चाहिए होता है। इस बीमारी में मरीजों को कुछ भी गलत नहीं लगता है।
ये बीमारी महिलाओं और पुरुष दोनों में होती है
यह एक ऐसा डिसऑर्डर है जिसमें संबंध बनाने की इच्छा बहुत तीव्र होती है। निम्फोमेनिया आमतौर पर महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है, लेकिन इसका ये बिल्कुल मतलब नहीं है कि यह बीमारी पुरुषों को नहीं होती है। पुरुषों में होने वाले इस संबंध को सैटेराइसिस (Satyriasis) कहते हैं। इस डिसऑर्डर से पीड़ित संबंध बनाने की इच्छा पर कंट्रोल नहीं रख पाते हैं।
क्यों कोई होता है इस का शिकार?
दरअसल, मेनिया का असर ऐसा नहीं होता है कि कोई हर समय एक ही बात के बारे में सोचता रहे। बल्कि कुछ समय के लिए उसके बिहेवियर में असामान्य बदलाव आ जाता है।
बिहेवियर में अचानक से बदलाव का असर उस इंसान के व्यवहार और सोच पर भी दिखता है। बीमारी के शुरुआती स्टेज पर ऐसा कभी-कभी होता है, लेकिन अगर समय रहते इस समस्या का इलाज न कराया जाए तो यह बार-बार हो सकती है।
कोई भी मेनिया किसी के ब्रेन में केमिकल्स और हॉर्मोन्स के इंबैलेंस के कारण होती है। कई बार किसी की लाइफ में ऐसी कुछ घटनाएं घटती हैं, जो उसे मेंटल बीमारियों की चपेट में लाकर रख देती हैं या फिर जो लोग हर वक्त तनाव में रहते हैं, उनके दिमाग में हार्मोन का बैलेंस बिगड़ने से भी यह बीमारी हो सकती है।
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