Myopia Causes: डिजिटल स्क्रीन पर घंटों समय बिताने वालों के लिए एक और वॉर्निंग साइन जारी हुआ है। एक नए अध्ययन के अनुसार, टैबलेट या स्मार्टफोन पर प्रतिदिन एक घंटा समय बिताने से मायोपिया होने का जोखिम बढ़ सकता है। हालांकि, स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताना आंखों की रोशनी के लिए नुकसानदायक होता है लेकिन इस रिसर्च में जिस बीमारी के बारे में बताया जा रहा है, वह भी काफी गंभीर रोग है। JAMA नेटवर्क ओपन में पब्लिश एक खबर के मुताबिक मेटा-एनालिसिस के अनुसार, 1 घंटा भी स्क्रीन देखना सही नहीं है। चलिए जानते हैं रिसर्च के बारे में।
क्या कहती है रिसर्च?
शोधकर्ताओं के मुताबिक ऑनलाइन स्क्रीनिंग की खुराक जितनी ज्यादा होगी, उतना आंखों की रोशनी बिगड़ेगी। मायोपिया एक ऐसा डिजीज है, जिसमें आंखों से धुंधला दिखाई देता है। भले ही यह एक कॉमन डिजीज है लेकिन ऑनलाइन स्क्रीनटाइम के बढ़ने से यह लोगों को बहुत अधिक प्रभावित करने लगा है। रिसर्च में 45 जांचों की व्याख्या की गई हैं, जिसमें एक आंकड़ा सामने आया है। वह आंकड़ा कहता है कि रिसर्च में शामिल 335,000 लोग, जिसमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग और युवा वर्ग भी शामिल हैं, सभी का स्क्रीन टाइम देखा गया था। अधितकर लोगों में दृष्टिदोष का एकमात्र कारण फोन या लैपटॉप पर ज्यादा देर तक समय बिताना पाया गया है।
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मायोपिया क्या है?
मायोपिया एक ऐसी सिचुएशन है जिसमें इंसान को दूर की चीजें धुंधली दिखाई देती हैं, जबकि नजदीकी चीजें साफ दिखाई पड़ती हैं। ऐसा आंखों के लेंस या कॉर्निया के आकार में बदलाव की वजह से होता है, जो देखने की क्षमता को प्रभावित करता है। मायोपिया आमतौर पर बचपन में ही शुरू होती है, लेकिन अब यह वयस्कों में भी बढ़ रही है। नई स्टडी के अनुसार, यह उन लोगों में भी ज्यादा बढ़ रहा है, जो अधिक समय तक स्क्रीन के संपर्क में रहते हैं।
मायोपिया के लक्षण
- दूर की चीजों को देखने में समस्या।
- आंखों में तनाव और थकान।
- सिरदर्द।
- बार-बार आंखें झपकाना।
- आंखों से पानी आना।
- पास से टीवी देखना।
- आंखें सिकोड़कर देखना।
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