Mumps Symptoms In Kids: महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के साथ-साथ देश के कई हिस्सों में बच्चों में मंप्स के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। ये छोटे बच्चों में होने वाली त्वचा से जुड़ी एक बीमारी है। इस बीमारी को गलसुआ या कनफेड भी कहते हैं। इस वायरल इंफेक्शन के होने पर कान के आसपास के दोनों एरिया में सूजन हो जाती है। यह हल्के बुखार, सिरदर्द और भूख न लगना जैसे लक्षणों से शुरू होती है, जो लगभग 3 से 4 दिनों तक रहती है। आखिर ये बीमारी क्या है और इसमें दिखने वाले लक्षणों से कैसे बचाव कर सकते हैं।
मम्प्स बीमारी क्या है?
मम्प्स एक वायरल इंफेक्शन है, जो रूबेला वायरस फैमिली के पैरामिक्सोवायरस के कारण होता है। इससे फेस के दोनों तरफ पैरोटिड ग्लैंड (Parotid gland) में सूजन आती है, जिससे मुंह में लार बनती है। इस सूजन के चलते बच्चे को कम सुनाई देने लगता है।
Mumps क्या है? इसका कारण, लक्षण और उपचार, जानें Dr Rakesh Kumar की इस Video के जरिए-
बच्चों में क्यों फैल रही है मम्प्स की बीमारी
मम्प्स बीमारी के अधिकतर वही बच्चे शिकार हो रहे हैं, जिन्होंने बचपन में मम्प्स की वैक्सीन नहीं ली है। डॉक्टर के अनुसार, 8 महीने से लेकर 4-5 साल की उम्र में खसरा, मम्प्स और रूबेला की वैक्सीन लगाई जाती है। अगर कोई बच्चा वैक्सीन नहीं लेता है, तो आगे चलकर इसके वायरस संक्रमित करते हैं। ये इंफेक्शन कोविड की तरह एक से दूसरे में फैलने का डर होता है। इसलिए ऐसे समय में पीड़ित बच्चे को बाकियों से दूर रखना चाहिए।
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अन्य लक्षण
- चबाने और निगलने में परेशानी
- थकान और कमजोरी
- मसल्स पेन
- मुंह सूख जाना
- जोड़ो में दर्द
मम्प्स का इलाज
मम्प्स बीमारी का पता चलने पर संक्रमित को एंटीबायोटिक दवाएं देकर इसका उपचार किया जाता है। अगर इसमें सही समय पर इलाज नहीं करते हैं, तो बच्चे को सुनने की समस्या हो सकती है या सुनना बंद भी हो सकता है। इसलिए एहतियात के तौर पर बच्चों को सही समय पर वैक्सीन की डोज दिलवानी चाहिए।
गलसुआ क्यों होता है और क्या खाना चाहिए, जानें इस Video में-
Disclaimer: इस लेख में बताई गई जानकारी और सुझाव को पाठक अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। News24 की ओर से किसी जानकारी और सूचना को लेकर कोई दावा नहीं किया जा रहा है।