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माइग्रेन के कारण दर्द से फटा जा रहा है सिर? तो पहले जान लें ये 5 वजह

Migraine Trigger Reason: माइग्रेन एक नॉर्मल समस्या है जो अधिकतर लोगों में देखी जाती है। इसमें होने वाला भयंकर दर्द कभी-कभी इतना होता है कि सहन करना मुश्किल होता है। इसकी वजह से डेली के कामों को करने में समस्याएं आती हैं। 

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Jun 6, 2024 09:21
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Migraine trigger factors
माइग्रेन को ट्रिगर करने वाले फैक्टर Image Credit: Freepik

Migraine Trigger Reason: इन दिनों लोगों की लाइफस्टाइल में तेजी से बदलाव होने लगा है। बढ़ता वर्क प्रेशर और काम का बदलता कल्चर लोगों की लाइफ पर असर करने लगा है और इससे व्यक्ति के फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर भी असर दिखने लगता है। लाइफस्टाइल में बदलाव के साथ-साथ  अनहेल्दी डाइट भी कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। माइग्रेन का दर्द(Migraine Pain) इन्हीं समस्याओं में से एक है, जिससे आजकल ज्यादातर लोग प्रभावित हैं।

यह एक प्रकार का सिरदर्द है, जो आमतौर पर वोमिटिंग, मतली और रोशनी के प्रति ज्यादा सेंसिटिविटी के साथ होता है। इसका कोई खास इलाज नहीं है, इसलिए लाइफस्टाइल में बदलाव और कुछ मेडिसिन की हेल्प से इसे कंट्रोल किया जाता है। इसके अलावा इसके लिए कुछ एक्सरसाइज भी हैं, जो माइग्रेन पेन को काफी हद तक रोक सकती हैं। माइग्रेन को ट्रिगर करने वाले कई कारण हो सकते हैं। इनमें से प्रमुख 5 वजहें ये भी हैं, जिन पर ध्यान देना चाहिए।

तनाव (Stress)

मेंटल या इमोशनल तनाव माइग्रेन का एक सामान्य ट्रिगर है। तनाव के दौरान शरीर में तनाव हार्मोन रिलीज होते हैं, जो माइग्रेन को बढ़ा सकते हैं। इसलिए तनाव नहीं लेना चाहिए।

खान-पान (Diet)

कुछ फूड आइटम्स और पेय माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं। इनमें चॉकलेट, चीज, रेड वाइन, कैफीन और प्रोसेस्ड फूड्स शामिल हैं। इसलिए इन्हें जरा लिमिट में ही इस्तेमाल करें।

पर्यावरणीय कारक (Environmental Factors)

तेज रोशनी, तेज आवाज, तेज स्मेल, मौसम में बदलाव या ज्यादा तापमान माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं। ये सारे एनवायरमेंटल फैक्टर माइग्रेन को ट्रिगर करते हैं।

नींद की गड़बड़ी (Sleep Disturbances)

भरपूर नींद न मिलना या नींद का रेगुलर पैटर्न न होना भी माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है। ज्यादा या कम सोना, दोनों ही माइग्रेन की समस्या को पैदा कर सकते हैं।

हार्मोनल परिवर्तन (Hormonal Changes)

महिलाओं में पीरियड, गर्भावस्था या मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलाव माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं। एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल घटने और बढ़ने से माइग्रेन की संभावना बढ़ सकती है। इन कारणों के अलावा भी माइग्रेन के अन्य ट्रिगर हो सकते हैं। इसलिए माइग्रेन को बिल्कुल नजरअंदाज न करें।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है। 

First published on: Jun 06, 2024 09:21 AM

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