Nurse Day 2025: नर्स वे महिलाएं होती हैं, जिनके भरोसे अस्पतालों में मरीजों को रखा जाता है। डॉक्टर चेकअप करके अगले मरीजों के पास जाते हैं लेकिन सिर्फ नर्स होती है, जो हर मरीज की देखभाल करती हैं, वो भी 24 घंटों के लिए। भारत में नर्सों की अहमियत कोरोना काल के बाद से काफी हद तक बढ़ चुकी है। उन 2 सालों में नर्सों ने अपनी सेहत का ख्याल न रखते हुए सभी संक्रमित मरीजों की देखभाल की थी। आज यानी 12 मई को पूरी दुनिया में इंटरनेशनल नर्स डे मनाया जाता है। यह दिन सभी नर्सों को समर्पित होता है, जो बिना थके मरीजों की सेवा करती है।
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मरीजों के लिए लाइफलाइन हैं नर्सें
मरीजों को ठीक करने में डॉक्टर की तरह ही नर्स की भी अहम भूमिका होती है। वे न सिर्फ दवाएं देती हैं, बल्कि मरीज के दर्द को भी समझती हैं और उनका मनोबल बढ़ाती हैं। हर वक्त उनकी देखभाल करती हैं। कोविड महामारी के समय यह पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे नर्सों ने अपनी जान की परवाह किए बिना लाखों लोगों की जिंदगियां बचाईं।
एक्सपर्ट ने शेयर किया एक्सपीरियंस
लीला नायर, चीफ नर्सिंग ऑफिसर, एशियन हॉस्पिटल कहती हैं, “नर्सिंग सिर्फ एक पेशा नहीं, यह एक सेवा भाव है। हर दिन कोई न कोई नर्स किसी की जान बचा रही होती है, किसी को जीने की नई उम्मीद दे रही होती है।” वे कहती हैं कि नर्सें इलाज की योजना बनाती हैं, इमरजेंसी हैंडल करती हैं और मरीज के परिजनों को मानसिक रूप से तैयार भी करती हैं।
युवा क्यों नर्सिंग करियर का चुनाव करें?
डॉक्टर युवाओं को नर्सिंग करियर अपनाने की सलाह देती हैं। वे कहती हैं, “अगर आप समाज के लिए कुछ सार्थक करना चाहती हैं, तो नर्सिंग आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यहां न सिर्फ प्रोफेशनल ग्रोथ है, बल्कि आप एक बेहतर इंसान भी बनते हैं।”
डॉक्टरों की मजबूती हैं ‘नर्स’
डॉ. आशीष चौधरी, मैनेजिंग डायरेक्टर, आकाश हेल्थकेयर के मुताबिक, नर्स, डॉक्टर और मरीज के बीच की सबसे मजबूत कड़ी होती हैं। वे इलाज की प्रक्रिया को सहज और मानवीय बनाती हैं। कई बार लोगों को नर्सिंग प्रोफेशन की प्रेरणा अपने परिवार या किसी परिचित से मिलती है। वे कहते हैं, “अगर हम युवाओं को नर्सिंग की कहानियां दिखाएं, उनकी सेवाओं को पहचान दें, तो नई पीढ़ी इस पेशे को अपनाने के लिए प्रेरित होगी।”
आवश्यकता है नई पीढ़ी की भागीदारी की
तेजी से बदलते हेल्थकेयर सिस्टम में प्रशिक्षित, संवेदनशील और सेवा-भावना से ओतप्रोत नर्सों की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा है। ऐसे में अब समय आ गया है कि युवाओं को नर्सिंग जैसे मानवीय और जिम्मेदार पेशे की ओर प्रेरित किया जाए।
नर्सों को सलाम
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि उन लाखों नर्सों के समर्पण, करुणा और हिम्मत को सलाम करने का दिन है, जो हर दिन अपने पेशे के जरिए दुनिया को थोड़ा और बेहतर बना रही हैं।
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