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HMPV वायरस का किसे ज्यादा रिस्क, बच्चे या बुजुर्ग, जानें डॉक्टर से संकेत और बचाव

HMPV Symptoms: भारत में इन दिनों एक और वायरस को लेकर चर्चाएं हो रही हैं। इसे एचएमपीवी वायरस के नाम से जाना जाता है। वैसे, यह कोई नया पाया गया वायरस नहीं है। लेकिन इन दिनों यह काफी एक्टिव हो गया है। फिलहाल, भारत में 13 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। आइए जानते हैं इस वायरस से किन्हें ज्यादा संभलकर रहने की जरूरत है।

Edited By : Namrata Mohanty | Updated: Jan 12, 2025 07:56
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HMPV Virus Prevention Tips
HMPV Virus Prevention Tips

HMPV Symptoms: ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस एकबार फिर से दुनियाभर के लिए नई हेल्थ इमरजेंसी का रूप ले रहा है। भारत में भी इस वायरस को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं, यहां अबतक इसके 13 मामले मिल चुके हैं। यह वायरस अधिकांश छोटे बच्चों या बुजुर्गों को प्रभावित कर रहा है। दरअसल, इससे संक्रमित होने का एक प्रमुख कारण कमजोर इम्यूनिटी भी है और इन लोगों की इम्यूनिटी अन्य लोगों की तुलना में कम होती है। चीन में इस वायरस से हालात गंभीर बने हुए हैं, वहां भी एचएमपीवी के ज्यादातर केस छोटे बच्चों में ही पॉजिटिव पाए गए हैं। आइए हेल्थ एक्सपर्ट से जानते हैं HMPV का ज्यादा रिस्क बच्चों को रहता है या बुजुर्गों को।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

एचएमपीवी वायरस के बारे में डॉक्टर बिमल छाजेड़ कहते हैं कि यह वायरस एक रेस्पिरेटरी वायरस है, जो लंग्स में इन्फेक्शन पैदा करता है। इसे RSV यानी रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस का अनुवांशिक वायरस माना जाता है, जिसकी पुष्टि साल 2001 में ही हो गई थी। इस वायरस से संक्रमित लोगों को खांसी, जुकाम या सांस लेने में दिक्कत होती है।

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कौन ज्यादा खतरे में?

डॉक्टर बिमल के मुताबिक, इस वायरस से कोई भी संक्रमित हो सकता है, चाहे फिर वो किसी भी उम्र के लोग क्यों न हों। बच्चे, जो 5 साल से कम उम्र के हैं और बुजुर्ग जो 60 साल से ऊपर के हैं, उन्हें इस वायरस से संक्रमित होने का रिस्क अधिक इसलिए रहता है क्योंकि इन लोगों की इम्यूनिटी वीक होती है। साथ ही, जो लोग जल्दी सर्दी-जुकाम की चपेट में आ जाते हैं, उन्हें भी एचएमपीवी वायरस का जोखिम रहता है। डॉक्टर के अनुसार, इन लोगों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है।

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कैसे फैलता है?

इस वायरस के स्प्रेड होने का कारण आम है, कोई संक्रमित खांसता है, तो उस समय वह किसी और को संक्रमित आसानी से कर सकता है। खासतौर पर जो लोग कमजोर इम्यूनिटी वाले हैं, उन्हें तुरंत इन्फेक्शन हो जाता है। इसके अलावा, संक्रमित सतहों को छूने के बाद आंखों, मुंह या नाक को टच करने से भी यह वायरस आपको प्रभावित कर सकता है। हा

HMPV के संकेत

  1. खांसी।
  2. बहती और भरी हुई नाक।
  3. सीने में बलगम से भारीपन महसूस होना।
  4. बुखार।
  5. गले में खराश होना।

वहीं, अगर यह गंभीर रूप से फैल जाए, तो अस्थमा, निमोनिया और ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारी में तब्दील भी हो सकता है। ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों से संबंधित एक डिजीज है। अगर किसी को इस वायरस से संक्रमित होने वाले लक्षण दिख रहे हैं, तो आपको NAAT यानी न्यूक्लिक एसिड एम्पलीफिकेशन टेस्ट करवाना चाहिए। इस जांच से पता लगाया जा सकता है कि आपको HMPV है या नहीं।

बचाव के उपाय

संक्रमित लोगों से दूरी बनाएं।
खांसी या जुकाम हो, तो तुरंत शुरुआती जांच करवाएं।
मास्क का प्रयोग करें।
हाथों की सफाई बनाएं रखें।
सही आहार का सेवन करें।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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Edited By

Namrata Mohanty

First published on: Jan 12, 2025 07:56 AM

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