Heart Attack In Winter: देश में इस वक्त मौसम बदल रहा है। उत्तर भारत में ठंड का आगाज हो चुका है। वैसे तो सर्दियों का मौसम अच्छा ही होता है क्योंकि इन दिनों में लोग अच्छा और स्वादिष्ट भोजन खा पाते हैं, जो वे गर्मियों में नहीं खा पाते हैं। साथ ही, लोग बर्फबारी देखने के लिए भी मनाली-देहरादून जाते हैं। मगर सर्दियों जितनी अच्छी होती है, अपने साथ उतनी ही बीमारियां भी लाती है। जी हां, सर्दी-खांसी या जुकाम तो कॉमन डिजीज है लेकिन सर्दियों में दिल के रोगियों को भी सावधानी बरतनी होती है, नहीं तो उनकी सेहत बिगड़ सकती है। आइए जानते हैं ऐसा क्यों होता है और क्या हैं इससे बचाव के तरीके।
सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक का रिस्क?
इसके मुख्यत: 3 कारण होते हैं:
1. ब्लड वेसल्स का जमना- दरअसल, सर्दियों में दिल की नसों में खून जमने लगता है। इसके जमने के कारण हार्ट अटैक और हार्ट स्ट्रोक का रिस्क बढ़ जाता है।
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2. कोरोनरी हार्ट डिजीज- कोरोनरी रोग में चेस्ट पेन की समस्याएं आम होती हैं, जो सर्दियों के मौसम में बढ़ जाती हैं।
3. टेम्परेचर इंबैलेंस- सर्दियों में हमारा हार्ट एक सामान्य तापमान को बैलेंस नहीं कर पाता है। बार-बार टेम्प्रेचर डिसबैलेंस होने से हार्ट की मसल्स डैमेज होती हैं, जिससे हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ता है।
इन 5 तरीकों से खुद रखें सेफ
- सर्दियां शुरू हो चुकी हैं। फिलहाल, सुबह-शाम की ठंड है लेकिन लापरवाही न करें, खुद को ढक कर रखें और गर्म कपड़े पहनें।
- हार्ट के मरीज बाहर कम से कम जाएं, खासकर तब जब शीतलहरें चलने लगें।
- अल्कोहल का सेवन कम से कम करें। इससे शरीर के अंदर तापमान गर्म हो जाएगा लेकिन बाहर ठंडी हवाएं चलने से तापमान ऊपर-नीचे हो सकता है।
- हाथों की सफाई बरकरार रखें। इससे आप इंफेक्शन्स से बच सकते हैं।
- अगर पहले से ही बीपी या कोलेस्ट्रॉल की समस्या रहती है, तो एक बार डॉक्टर से सलाह लें।
सर्दियों में हार्ट अटैक आने के संकेत
- उल्टी और जी मिचलाना।
- सांस लेने में तकलीफ होना।
- हाथों और पैरों की उंगलियों में झुनझुनाहट।
- ठंडे पसीने आना।
- थकावट होना।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।