गर्मियों की शुरुआत हो चुकी है। देश के कई इलाकों में तो हीटवेव्स का सिलसिला भी शुरू हो गया है। ये गर्म हवाएं इंसान के शरीर को छूकर निकलती हैं, तो इससे सेहत को काफी नुकसान हो सकता है। लू से डिहाइड्रेशन की समस्या होना सबसे आम परेशानी है। ऐसे में हर किसी को कुछ सावधानियां बरतनी होती हैं, खासकर गर्भवती महिलाओं को। प्रेग्नेंसी इन लोगों के लिए बिल्कुल नया अनुभव होता है, इसमें कुछ दिन अच्छे होते हैं, तो वहीं कुछ दिन समस्याओं और उलझनों से भरे होते हैं। पहली बार मां बनने वाली औरतों के लिए यह बड़ा ही चैलेंजिंग फेज हो सकता है।
गर्मियों के मौसम में इन महिलाओं को अपने शरीर का तापमान नियंत्रित करना जरूरी होता है क्योंकि गर्भावस्था के समय ये लोग जिस प्रकार की डाइट का सेवन करते हैं, वे अधिकतर गर्म चीजों की होती हैं। दरअसल, यह बच्चे की ग्रोथ के लिए आवश्यक होती हैं। मगर गर्मियों में हीटवेव्स चलने से इन्हें थोड़ी दिक्कत हो सकती है। इन दिक्कतों में स्किन इरिटेशन, पाचन में गड़बड़ी और शरीर में पानी की कमी होना भी शामिल है। हीट एग्जॉशन भी गर्भवती महिलाओं के साथ होने वाली आम परेशानी है।
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, द्वारका की सीनियर डायरेक्टर और यूनिट हेड ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी डॉ. शिल्पा घोष ने एचटी लाइफस्टाइल से बातचीत में बताया है कि गर्मियों के दौरान प्रेग्नेंसी खास तौर पर चुनौतीपूर्ण हो सकती है। इसलिए, इन महीनों में महिलाएं अपना विशेष रूप से ध्यान रखें ताकि स्वस्थ रह सकें। हीटवेव्स से महिलाओं में हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या भी बढ़ जाती है और ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ सकता है।
गर्म और आर्द्र मौसम में शरीर को ठंडा रखना मुश्किल हो जाता है, जिससे गर्मी से संबंधित बीमारियों की संभावनाएं चार गुना बढ़ जाती हैं। इससे सिर्फ मां नहीं बल्कि शिशु की सेहत पर भी असर पड़ता है। कई बार हीटवेव्स से डिहाइड्रेशन के अलावा, अर्ली डिलीवरी के चांसेज भी बढ़ जाते हैं।
इन 5 टिप्स को फॉलो करें
1. हाइड्रेशन
दिन भर में खूब पानी पिएं, भले ही आपको प्यास न लगे। अगर आपको बहुत अधिक पसीना आ रहा है, तो नारियल पानी या ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS) जैसे इलेक्ट्रोलाइट युक्त ड्रिंक्स का सेवन कर सकते हैं।
2. हॉट ऑवर्स में एक्स्ट्रा केयर
सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे के बीच घर के अंदर रहने की कोशिश करें, जब सूरज का तापमान चरम सीमा पर होता है। अगर आपको बाहर निकलना ही है, तो सिर पर चौड़ी टोपी, ढीले सूती कपड़े पहनें और सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें।
3. पंखे-एसी में रहें
गर्भवती महिलाएं जितना संभव हो सके ठंडे वातावरण में रहें। यदि आपके पास एयर कंडीशनिंग की सुविधा नहीं है, तो शरीर के तापमान को कम करने के लिए पंखे, ठंडे शावर या अपनी गर्दन और कलाई पर गीले तौलिए का उपयोग करें।
4. हल्के कपड़े पहनें
इस दौरान हल्के रंग के, ढीले-ढाले और सांस लेने लायक कपड़े जैसे कि कॉटन या लिनन पहनें। ऐसे कपड़े पसीने को सोखने में मदद करते हैं और इन लोगों के लिए आरामदायक होते हैं।
5. कुछ बातों का ध्यान दें
चक्कर आना, मतली, तेज दिल की धड़कन, सिरदर्द और मांसपेशियों में ऐंठन जैसे लक्षणों के प्रति सतर्क रहें। अगर आपको ज्यादा गर्मी या अस्वस्थ महसूस कर रहे हों, तो पर्याप्त आराम करें।
हाइड्रेशन कैसे मेंटेन करें?
तरबूज खाएं, नारियल पानी पिएं, खीरा खाएं और लौकी का रस पिएं।
ग्राफिक्स की मदद से समझें…
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