Eye Twitching Causes: क्या आंख फड़कने के धार्मिक मान्यताओं को आप भी मानते हैं? क्या आपको भी लगता है कि दाहिनी आंख फड़कना अशुभ और बाईं आंख फड़कना शुभ होता है? आंखों के फड़कने जैसे संकेतों को आप धर्म के अनुसार मानते हैं तो इसका साइंटिफिक रीजन भी जान लें। दरअसल, आंखों का फड़कना हेल्थ से भी जुड़ा हुआ है। बार-बार आंखें फड़कती हैं या फिर आंखों में दर्द जैसी समस्या होती है तो ये कई समस्याओं का संकेत हो सकता है। आइए आंखों के फड़कने के संकेतों पर गौर करते हैं।
आंख फड़कने के लिए जिम्मेदार है ये हार्मोन
कॉर्टिसोल नामक हार्मोन के कारण आंखें फड़कती हैं। इस हार्मोन के कम या ज्यादा होने पर शरीर को नुकसान पहुंच सकता है। इस हार्मोन का निर्माण एड्रेनल ग्लैंड द्वारा होता है। शरीर के ज्यादातर कोशिकाओं में कोर्टिसोल रिसेप्टर्स मौजूद होते हैं, जो अलग-अलग काम के लिए इस्तेमाल होते हैं। अगर आंखें फड़क रही हैं तो समझ लीजिए कि इस हार्मोन में बदलाव हुआ है। कोर्टिसोल हार्मोन के बदलाव के कारण आंखें फड़कती है।
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स्ट्रेस बढ़ने के कारण
अगर आपकी आंखें फड़कती है तो ये तनाव के बढ़ने का कारण माना जाता है। लंबे समय से हो रही स्ट्रेस की समस्या को इग्नोर करना सही नहीं है, इसे लेकर आपको डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए। अधिक स्ट्रेस होने पर कोर्टिसोल बढ़ता है और इससे आंखें भी फड़कती हैं।
कैफीन भी बढ़ता है कोर्टिसोल हार्मोन
कोर्टिसोल हार्मोन के बढ़ने पर आंखों का फड़कना आम बात है। अगर आप दिन भर में अधिक कैफीन युक्त चीजों का सेवन करते हैं तो आपकी आंखें फड़कने लगती है। कोर्टिसोल हार्मोन की मात्रा बढ़ने पर इस तरह की समस्या हो सकती है। इसलिए चाय और कॉफी जैसी कैफीन युक्त चीजों का सेवन न करें।
आंखों पर जोर न डालें
आंख फड़कने की एक वजह अधिक स्क्रीन टाइम भी है। इससे आंखों में जलन, आंखों में खुजली की समस्या भी हो सकती है।इसलिए अधिक समय तक स्क्रीन पर टाइम स्पेंड करने से बचें। आप चाहें तो इसके लिए 20-20-20 फॉर्मूला अपना सकते हैं।इस फार्मूला में आप अपने समय को 20 मिनट स्क्रीन टाइम को दें फिर उसके बाद 20 सेकेंड किसी एक वस्तु को 20 फीट की दूरी पर रख कर एक जगह ध्यान केंद्रित करें।
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