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हेल्थ

Covid Alert: LF.7 और NB.1.8.1 सबवेरिएंट के बारे में जानिए सबकुछ, किसे ज्यादा सावधान रहने की जरूरत?

Covid Alert: जेएन.1 वेरिएंट के बाद देश में दो नए कोरोना के सब-वेरिएंट्स की पुष्टि हुई है। हालांकि, ये दोनों वेरिएंट्स भी नए नहीं हैं। इनकी सक्रियता साल 2022 में भी देखी गई थी। बता दें कि एनबी.1.8.1 को जेएन.1 का सब वेरिएंट माना गया है और एलएफ.7 को अन्य लेकिन इससे संबंधित वेरिएंट ही कहा जा रहा है।

Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: May 26, 2025 15:27

Covid Alert: देश में दो नए कोविड-19 के वेरिएंट के मामले मिल रहे हैं। ये उभरते केस LF.7 और NB.1.8.1 के हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, ये अंडर मॉनिटरिंग वेरिएंट्स हैं, जिन पर लगातार जांचें हो रही है। ये दोनों नए वेरिएंट्स भारत में साल 2022 के कोरोना मरीजों में पाए गए वेरिएंट ही है। ऐसे में भारत के लिए यह नया नहीं माना जा रहा है। इन वेरिएंट्स की क्षमता की बात करें, तो दोनों वेरिएंट हल्के हैं लेकिन फैलने की क्षमता रखते हैं।

LF.7 और NB.1.8.1 के नए मामले

भारत में कोरोना के नए मामले सामने आए हैं, क्योंकि देश के कई राज्यों में नए सब-वेरिएंट एनबी.1.8.1 और एलएफ.7 तेजी से फैल रहे हैं। यह ओमिक्रॉन के ही उप-प्रकार हैं। तमिलनाडु और गुजरात में केस मिले हैं। भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम के आंकड़ों के मुताबिक, तमिलनाडु में अप्रैल में NB.1.8.1 का एक मामला मिला था और गुजरात में LF.7 के चार मामले दर्ज किए गए थे।

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दिल्ली में मिले नए मामले

दिल्ली में भी कोरोना के 23 नए मामलों की पुष्टि हुई है। यहां भी नए वेरिएंट्स के मरीज मिले हैं। यह नया वेरिएंट अधिक गंभीर नहीं माना गया है लेकिन इससे तेजी से संक्रमण दर बढ़ने की आशंका है। ये वेरिएंट अन्य वेरिएंटों की तुलना में जोखिमकारी नहीं हैं लेकिन लोगों की इम्यूनिटी पर असर डाल सकते हैं।

क्या है LF.7 और NB.1.8.1 वेरिएंट?

WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने इसे खतरनाक वेरिएंट नहीं बताया है। दरअसल, इस वेरिएंट से लोगों को मृत्यु का जोखिम कम है लेकिन यह वेरिएंट संक्रमण को बढ़ावा दे रहा है। इसलिए, लोगों को सावधानी और सतर्कता अधिक बरतने की जरूरत है। एशिया के कुछ देशों के कुछ इलाकों में भी इस वेरिएंट की पुष्टि हुई है। देश में इस वेरिएंट के पहले मामले तमिलनाडु और गुजरात में अप्रैल और मई में मिले थे।

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

जुपिटर हॉस्पिटल, बानेर, पुणे के चेस्ट मेडिसिन कंसल्टेंट डॉ. सुश्रुत गणपुले कहते हैं कि फिलहाल ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि यह वेरिएंट पुराने स्ट्रेनों की तुलना में ज्यादा खतरनाक है। भारत में जो मामले सामने आ रहे हैं, उनमें हल्के लक्षण जैसे बुखार, खांसी और थकान के देखे जा रहे हैं। ज्यादातर लोग बिना अस्पताल में भर्ती हुए ही घर पर ठीक हो रहे हैं।

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भीड़भाड़ से बचें, मास्क पहनें

डॉ. गणपुले ने बताया कि हालांकि गंभीरता अभी कम लग रही है, लेकिन वायरस लगातार म्यूटेट हो रहा है और इसका फैलाव तेज है। हमें भीड़भाड़ वाली और कम हवा वाली जगहों में जाने से बचना चाहिए। मास्क पहनना और हाथ धोते रहने जैसे बुनियादी उपाय भी अपनाने चाहिए।

फिर से लहर आएगी या नहीं, कहना जल्दबाजी होगी

उन्होंने कहा, “हम ये तो नहीं कह सकते कि देश में फिर से कोविड की लहर आ सकती है, लेकिन जिस तरह से मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, इसलिए जरूरी है कि हम हालात पर पूरी नजर रखें। साथ ही समय पर जरूरी कदम उठाएं।”

बीमार महसूस करें तो खुद को अलग करें

डॉ. गणपुले ने लोगों से अपील की कि अगर कोई व्यक्ति अस्वस्थ महसूस कर रहा है तो वह तुरंत खुद को आइसोलेट कर ले और दूसरों को संक्रमण से बचाए। कोविड का खतरा पूरी तरह टला नहीं है। थोड़ी सी सावधानी हमें बड़ी मुश्किलों से बचा सकती है।

कौन रहें सतर्क

  • वीक इम्यूनिटी वाले- जो लोग पहले से किसी बीमारी से पीड़ित हैं, जैसे मधुमेह, हाई बीपी और हार्ट डिजीज।
  • बुजुर्ग और बच्चे- इन आयु वर्ग के लोगों में संक्रमण का खतरा अधिक हो सकता है।
  • गर्भवती महिलाएं- प्रेग्नेंसी के दौरान इन्फेक्शन होने का रिस्क बढ़ जाता है।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है। 

First published on: May 26, 2025 03:27 PM

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