Cardiac Arrest VS Heart Attack: फास्ट लाइफ और फास्ट दोनों ही सेहत को बिगाड़ने में अपनी भूमिका अदा करते हैं। पिछले कुछ समय से युवाओं, बच्चों और बूढ़ों, हर किसी में हृदय रोगों के मामले बढ़ गए हैं। दिल की बीमारी में दो सबसे आम कंडीशन कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक हैं। आए दिन इन दोनों से लोगों की जान जाने की खबर सामने आती रहती है। हालांकि, इन दोनों बीमारियों को लेकर लोगों में एक कंफ्यूजन काफी समय से हैं। वो यह है कि क्या दोनों सेम हैं या अलग-अलग हैं। अगर अलग हैं तो हमें किसका ज्यादा खतरा है और किस बीमारी से बचा जा सकता है। आइए रिपोर्ट में जानते हैं दोनों के बीच अंतर और संकेत।
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कार्डियक अरेस्ट क्या है?
कार्डियक अरेस्ट वह स्थिति है, जिसमें हृदय अचानक काम करना बंद कर देता है, जिससे मृत्यु होना तय मान लिया जाता है। इस कंडीशन में इंसान के दिल में ब्लड का सर्कुलेशन बंद हो जाता है। इसमें आमतौर पर दिल की धड़कनें अनियमित हो जाती हैं, जिसे वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन कहते हैं।
हार्ट अटैक क्या है?
हार्ट अटैक तब होता है, जब दिल की किसी धमनी में ब्लॉकेज की वजह से ब्लड फ्लो रुक जाता है। इससे हृदय की मांसपेशियों को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति बंद हो जाती है, और मांसपेशी मरने लगती है। इस कंडीशन को मायोकार्डियल इन्फार्क्शन भी कहा जाता है।
दोनों में अंतर क्या है?
कार्डियक अरेस्ट में अचानक दिल काम करना बंद कर देता है। वहीं, हार्ट अटैक में ब्लॉकेज की समस्या होती है। कार्डियक में दिल की धड़कनें थम जाती हैं और हार्ट अटैक में धमनियों में खून के थक्के जमने लगते हैं। इन दोनों बीमारियों के लक्षणों में भी अंतर है। कार्डियक अरेस्ट में बेहोशी और सांस रुकने जैसे संकेत नजर आते हैं, दूसरी ओर हार्ट अटैक में सीने में दर्द उठता है।
कौन सा ज्यादा खतरनाक?
हालांकि, एक्सपर्ट्स की मानें तो कार्डियक अरेस्ट से मौत होने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं क्योंकि, इस कंडीशन में कुछ सेकेंडों में मौत हो जाती है। वहीं, हार्ट अटैक में सही समय से उपचार शुरू हो जाए तो जान बचाई जा सकती है।
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