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Bell’s Palsy disease कितनी खतरनाक? महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे हुए शिकार, जानें बीमारी के संकेत क्या

Bell's Palsy Causes: महाराष्ट्र के मंत्री और NCP नेता धनंजय मुंडे ने हाल ही में बताया कि उन्हें बेल्स पाल्सी नामक एक न्यूरोलॉजिकल डिजीज है, जिसमें फेस की मांसपेशियों में अचानक कमजोरी हो जाती है, जिससे उनकी बोलने की क्षमता पर असर पड़ता है। आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में सब कुछ।

Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Feb 21, 2025 08:28
Minister Dhananjay Munde Shares Bell’s Palsy Diagnosi
Minister Dhananjay Munde Shares Bell’s Palsy Diagnosi

Bell’s Palsy Causes: महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे को बेल्स पाल्सी नाम की बीमारी हुई है। यह एक न्यूरोलॉजिकल डिजीज है, जिसमें फेस पर लकवा पैदा हो जाता है। इस बीमारी में चेहरे की मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है। यह अचानक होता है और आमतौर पर शरीर के एक हिस्से में होता है। धनंजय मुंडे ने सोशल मीडिया पर लोगों को बताया कि वह दो मिनट से ज्यादा ठीक से बोल नहीं पाते हैं, जिससे कैबिनेट मीटिंग और सार्वजनिक कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी बाधित होती है। बेल्स पाल्सी एक अस्थायी मगर खतरनाक स्थिति है, जिससे चेहरा लटक सकता है और डेली एक्टिविटिज को करने में कठिनाई हो सकती है।

क्या है बेल्स पाल्सी?

बेल्स पाल्सी चेहरे की मांसपेशियों में अचानक से होने वाली कमजोरी है, जो अक्सर चेहरे के एक तरफ के हिस्से को प्रभावित करती है। ऐसा माना जाता है कि यह चेहरे की नसों की सूजन के कारण होता है, जो मांसपेशियों की गतिविधियों को नियंत्रित करती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर एंड स्ट्रोक (एनआईएनडीएस) के अनुसार, बेल्स पाल्सी संयुक्त राज्य अमेरिका में सालाना लगभग 40,000 लोगों को प्रभावित करती है। बेल्स पाल्सी के होने का ठोस कारण अब भी नहीं मिला है, लेकिन यह वायरल इंफेक्शन, वीक इम्यूनिटी और नर्वस सिस्टम की समस्याओं से लेकर जेनेटिक्स में भी हो सकता है। बेल्स पाल्सी की बीमारी डायबिटीज रोगियों और अस्थमा के मरीजों को भी हो सकती है।

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बेल्स पाल्सी के संकेत

हालांकि, इस बीमारी के संकेत सही से समझने में समय लगता है लेकिन कुछ संकेतों को हम समझ सकते हैं क्योंकि यह सामान्य से थोड़े अलग होते हैं।

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1. चेहरा लटकना- इसमें आमतौर पर चेहरे के एक तरफ की मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होती है, जैसे कि आंख बंद करने में कठिनाई और मुंह का एक तरफ झुकना।

2. मुंह में सूजन- जब मुस्कुराते हैं या बात करते हैं, तो चेहरे का एक हिस्सा बेढंगा दिखाई देता है, क्योंकि उसमें सूजन हो जाती है।

3. एक आंख को खोलने में दिक्कत- इसमें मरीज की आंख पूरी तरह से बंद नहीं हो पाती है, खासतौर पर एक आंख को खोलने या बंद करने में।

4. बोलने में समस्या- इसमें चेहरे की मांसपेशियों को ठीक से हिलाने में असमर्थता होती है, जिससे भाषा की स्पष्टता प्रभावित होती है, जैसा कि मंत्री मुंडे के मामले में भी हो रहा है। वह सही से बोल नहीं पा रहे हैं।

5. स्वाद में बदलाव- कभी-कभी स्वाद में भी बदलाव महसूस हो सकता है, खासकर उस हिस्से में जहां इस बीमारी का असर हुआ है।

6. आंसू आना या ड्राई आईज- मरीज इसमें ठीक से पलकें नहीं झपका पाता है क्योंकि उसकी आंखों की अक्षमता से आंसू ज्यादा बनते हैं या कई बार बिल्कुल नहीं बन पाते हैं।

7. सुनने में परेशानी- कुछ रोगियों में हाइपरएक्यूसिस नामक समस्या भी विकसित हो जाती है, जिसमें एक कान में कुछ साउंड्स के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है।

बेल्स पाल्सी का उपचार

  • इस बीमारी का इलाज आमतौर पर स्टेरॉयड दवाओं से किया जाता है।
  • चेहरे की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए फिजिकल थेरेपी भी करवा सकते हैं।
  • आंखों की सुरक्षा के लिए आई ड्रॉप्स आदि का प्रयोग किया जाता है।
  • दर्द के लिए इबुप्रोफेन जैसी ओवर-द-काउंटर पेनकिलर्स दवाएं दी जाती हैं।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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Edited By

Namrata Mohanty

First published on: Feb 21, 2025 08:28 AM

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