Bandicoot robots 2.0R: कुछ जगह ऐसी हैं, जहां इंसान को सफाई करने में बहुत परेशानी होती है। इनमें मैनहोल, सीवर वेल, स्टॉर्मवाटर मैनहोल, ऑयली वाटर सीवर जैसे सीमित स्थान शामिल हैं। इनमें उतरकर सफाई करने वाले लोग कई बार स्किन संबंधी बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं और उन्हें सांस लेने में भी समस्या होने लगती है, लेकिन अब एक रोबोट बनाया गया है, जो ऐसी जगहों की सफाई आसानी और बेहद कम समय में करेगा। इसका नाम है बैंडीकूट रोबोट 2.0R ये खासतौर पर मैनहोल की सफाई के लिए तैयार किया गया है।
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दरअसल, बैंडीकूट रोबोट दुनिया का पहला रोबोट मेहतर है, जिसे मेकइनइंडिया और स्वच्छ भारत पहल द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता स्टार्टअप जेनरोबोटिक्स द्वारा विकसित किया गया है। जून 2022 में IOCL ने आंतरिक टैंक की सफाई और उनकी रिफाइनरियों के निरीक्षण के लिए रोबोटिक उपकरण विकसित करने के लिए जनरोबोटिक्स के साथ हाथ मिलाया है।
बैंडीकूट 2.0R की खासियत क्या है?
बैंडीकूट 2.0R रोबोट बेहद खास है। क्योंकि सभी प्रकार के सीमित स्थानों के लिए डिज़ाइन किया गया है। 2.0R का फायरप्रूफ डिजाइन इसे रिफाइनरियों के लिए आदर्श बनाता है। ये सीवर मैनहोल, सीवर वेल, स्टॉर्मवाटर मैनहोल, ऑयली वॉटर सीवर (OWS) और स्टॉर्म वॉटर सीवर (SWS) जैसे सीमित स्थानों को साफ करने में मदद करता है।
यहां उपयोग हो रहा बैंडीकूट 2.0R
बैंडीकूट रोबोट वर्तमान में 16 राज्यों में उपयोग किया जा रहा है। इस रोबोट का लाभ बहुराष्ट्रीय कंपनियों के अलावा टाउनशिप और हाउसिंग कॉलोनियां भी उठा रही हैं, क्योंकि जिससे मैनहोल में मानव प्रवेश की आवश्यकता समाप्त हो गई है। इंदौर, सूरत, वडोदरा जैसे भारत स्वच्छ शहर भी बैंडीकूट का उपयोग कर रही हैं।
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आईओसीएल की रिफाइनरियों में हुआ अध्यन
आईओसीएल ने अपनी रिफाइनरियों में सीमित स्थानों को साफ करने के लिए अधिक से अधिक बैंडीकूट 2.0R रोबोट का उपयोग करने की योजना की घोषणा की है। बैंडीकूट 2.0R का उपयोग करते हुए IOCL की रिफाइनरियों के अंदर हाल ही में किए गए वैज्ञानिक अभ्यासों से पता चला है कि रोबोट बेहतर दक्षता और सुरक्षा प्रदान करते हैं। ये रोबोट रिफाइनरियों के अंदर ले जाने के लिए बहुत कॉम्पैक्ट और लचीले हैं। जेनरोबोटिक्स के सह-संस्थापक और निदेशक राशिद ने कहा कि हम वास्तव में खुश हैं कि आईओसीएल अपनी रिफाइनरियों में और अधिक बैंडिकूट 2.0आर रोबोट ला रहा है।
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