अमेरिका: वर्ष 2015 के ईरान परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने का एकमात्र तरीका तेहरान के लिए अपनी मांगों को छोड़ देना है। अमेरिका ने मंगलवार को यह स्पष्ट किया है। रायटर्स न्यूज एजेंसी की खबर के अनुसार अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि वाशिंगटन का मानना है कि जिस चीज पर बातचीत की जा सकती है वह पहले ही हो चुकी है।
Iran must abandon 'extraneous' demands in nuclear talks -U.S. https://t.co/ws3Z3yeTbW pic.twitter.com/hvITI7IpS4
---विज्ञापन---— Reuters (@Reuters) August 16, 2022
सौदे को पुनर्जीवित
विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक ब्रीफिंग में कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका निजी तौर पर सौदे को पुनर्जीवित करने पर यूरोपीय संघ के अंतिम पाठ पर अपनी प्रतिक्रिया प्रदान करेगा। लेकिन फिलहाल इसकी कोई समयरेखा नहीं है। यूरोपीय संघ राजनयिकों ने सोमवार को इस बारे में ईरान से जवाब मांगा था। जिसके पर ईरान ने कहा है कि वह इसका पालन करेगा। विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा JCPOA के अनुपालन के लिए पारस्परिक वापसी प्राप्त करने का एकमात्र तरीका ईरान के लिए JCPOA के दायरे से परे अस्वीकार्य मांगों को छोड़ना है। हम लंबे समय से इन मांगों को बाहरी कहते हैं।
परमाणु कार्यक्रम को सीमित
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन 2015 के इस समझौते को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहा है। इसे संयुक्त व्यापक कार्य योजना (JCPOA) नाम दिया गया है। इसे 2018 में बिडेन के पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रम्प ने छोड़ दिया था। सौदे के तहत तेहरान ने अमेरिका, यूरोप और संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंध पर राहत के बदले में अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित कर दिया था।