What Is Anti-Cheating Bill : विभिन्न परीक्षाओं में होने वाली नकल और ऐसा करने वाले नकल माफियाओं पर रोक लगाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार एक विधेयक लाई है। इस विधेयक का नाम पब्लिक एग्जामिनेशंस (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) बिल है और इसे कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने पेश किया। इसमें परीक्षा के दौरान की जाने वाली उन गतिविधियों के बारे में उल्लेख किया गया है जो कानून लागू होने के बाद दंडनीय हो जाएंगे। इसके लिए क्या सजा दी जाएगी यह भी इसमें बताया गया है।
NEWS | Central Government introduced a new anti-cheating bill in a bid to curb paper leaks and use of unfair means, and organised malpractices in recruitment examinations.#Cheating #AntiCheatingBill #Imprısonment @DrJitendraSingh pic.twitter.com/CraTCecZjm
---विज्ञापन---— GPlus (@guwahatiplus) February 5, 2024
विधेयक में कहा गया है कि इसका उद्देश्य पब्लिक एग्जामिनेशन सिस्टम में पारदर्शिता, निष्पक्षता और क्रेडिबिलिटी लाना है। इसका उद्देश्य युवाओं को आश्वासन देना है कि उनके प्रयासों का सही परिणाम मिलेगा और उनका भविष्य सुरक्षित रहेगा। बिल का एक लक्ष्य नकल कराने वाले ऐसे लोगों, संगठनों और संस्थानों के खिलाफ प्रभावी और वैध कार्रवाई करना भी है, जो पब्लिक एग्जामिनेशन सिस्टम पर गलत असर डालते हैं। इसका असर ईमानदारी से तैयारी करने वाले छात्रों को भुगतना पड़ता है, जो गलत है।
नए कानून के तहत आएंगी यह परीक्षाएं
केंद्रीय लोक सेवा आयोग (यूपीएससी), स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (एसएससी), रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (आरआरबी), इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन, केंद्र सरकार के मंत्रालयों या विभागों और उनसे जुड़े कार्यालयों में स्टाफ की भर्ती, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी या केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचित अन्य अथॉरिटी की ओर से आयोजित कराई जाने वाली परीक्षाओं को केंद्र सरकार की ओर से लाए गए इस नकल विरोधी बिल के तहत रखा गया है। इस बिल के कानून बन जाने के बाद ये परीक्षाएं इसके दायरे में आ जाएंगी।
Union Minister Jitendra Singh is to move in the Lok Sabha today the Public Examinations (Prevention of Unfair Means) Bill, 2024 to prevent unfair means in the public examinations and to provide for matters connected therewith or incidental thereto, be taken into consideration.… pic.twitter.com/OrgCU6vtsv
— ANI (@ANI) February 6, 2024
अपराध किया तो फिर क्या मिलेगी सजा
बिल में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति या संगठन ऑर्गेनाइज्ड क्राइम का दोषी पाया जाता है तो उसे कम से कम 5 साल कारावास की सजा होगी जिसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा कम से कम एक करोड़ रुपेय का जुर्माना भी लगाया जाएगा। इसके अलावा बिल के तहत जो अपराध बताए गए हैं वो सभी संज्ञेय, गैर जमानती और नॉन कंपाउंडेबल होंगे। इसके अनुसार दोषी पाए जाने वाले शख्स को कम से कम तीन साल जेल की सजा सुनाई जाएगी। यह सजा पांच साल तक की जा सकती है। वहीं, 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
बिल के तहत इन्हें माना जाएगा अपराध
1. प्रश्न पत्र या आंसर की लीक होना
2. प्रश्न पत्र या आंसर की लीक कराने के लिए दूसरों के साथ मिलीभगत
3. बिना अधिकार के प्रश्न पत्र या ओएमआर शीट तक पहुंचना या उसे अपने कब्जे में लेना
4. किसी पब्लिक एग्जाम के दौरान किसी अनाधिकृत व्यक्ति की ओर से एक या अधिक सवालों का हल देना
5. पब्लिक एग्जाम में अभ्यर्थी को किसी भी तरह से अनाधिकृत रूप से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष मदद करना
6. ओएमआर शीट समेत आंसर की से छेड़छाड़ करना
Central government introduces Water (Prevention and Control of Pollution) Amendment Bill, 2024 in Rajya Sabha
report by @satyendra_w https://t.co/xXEuOxQA4M
— Bar & Bench (@barandbench) February 5, 2024
7. किसी वास्तविक गलती को सही करने के अलावा बिना किसी अधिकार के मूल्यांकन में बदलाव करना
8. केंद्र की ओर से खुद या अपनी एजेंसी के माध्यम से पब्लिक एग्जाम कराने के लिए तय मानकों का जानबूझकर उल्लंघन करना
9. आवेदकों की शॉर्ट-लिस्टिंग के लिए जरूरी दस्तावेज के साथ छेड़छाड़ करना या कैंडिडेट की रैंक या मेरिट फाइनलाइज करना
10. पब्लिक एग्जाम के आयोजन में सुरक्षा मानकों का जानबूझकर उल्लंघन करना
11. किसी कंप्यूटर नेटवर्क या कंप्यूटर रिसोर्स या कंप्यूटर सिस्टम के साथ छेड़छाड़ करना
12. सीटिंग व्यवस्था, तारीखों व शिफ्ट के एलॉकेशन में गड़बड़ी करना
13. पब्लिक एग्जाम अथॉरिटी या सेवा प्रदाता या सरकार से अधिकृत एजेंसी से जुड़े लोगों को धमकी देना या गलत तरीके से रोकना या परीक्षा के संचालन में बाधा डालना
14. नकल कराने या आर्थिक लाभ के लिए फर्जी वेबसाइट्स बनाना
15. फर्जी परीक्षा आयोजित कराना, नकल के लिए फर्जी एडमिट कार्ड जारी करना
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