Vidura Niti: महाभारत के अनेक प्रसंगों में यह पाया गया है कि में जब भी भीष्म पितामह को किसी मुद्दे पर परामर्श की आवश्यकता होती थी, वे विदुर से सलाह-मशवरा करते थे। धृतराष्ट्र, युधिष्ठिर और यहां तक कि भगवान श्रीकृष्ण भी उनके ज्ञान से लाभान्वित होते थे। इसकी एक ही वजह थी, वह यह कि विदुर का ज्ञान उत्कृष्ट कोटि का था। इससे अच्छी बात थी उनकी निष्पक्षता और नीति के अनुसार चलना। संपूर्ण महाभारत में वे नैतिकता के सबसे बड़े पक्षधर के रूप में दिखाई देते हैं। उनका निजी जीवन और रहन-सहन भी एकदम साधारण और संतों की तरह था। यही कारण है कि वे महात्मा विदुर भी कहलाते हैं।
धृतराष्ट्र से विदुर के वार्तालाप का महाभारत में विस्तृत अध्याय मिलता है, जिसमें धृतराष्ट्र ने जीवन के लगभग हर विषय पर एक तरह से एक्सक्लूसिव चर्चा की है। इसे ही विदुर नीति के रूप में जाना जाता है। बता दें कि विदुर नीति नाम की अलग से कोई पुस्तक नहीं हैं। बहुत बाद में महाभारत के इस भाग से अलग एक विदुर नीति पुस्तक बना दी गई, जो ऑरिजिनली संस्कृत में है। बाद में इसके हिंदी सहित अनेक भाषाओं में अनुवाद किए गए है। विदुर नीति के तहत विदुर ने मनुष्य के ऐसे गुण की चर्चा की है, जिससे वे सबके चहेते बन जाते हैं, यहां तक कि दुश्मन भी उनके दोस्त बन जाते हैं। आइए जानते हैं, कैसे होते हैं ये लोग?
ये भी पढ़ें: Neem Karoli Baba: बच्चों को सिखाएं नीम करोली बाबा की ये 5 आदतें, सफल होने से कोई नहीं रोक सकता!
कम उम्र में मिल जाती है सफलता
विदुर नीति के अनुसार, किसी भी व्यक्ति की सफलता में उसके व्यवहार की बड़ी भूमिका होती है। खासतौर पर उसकी मधुरभाषा यानी मीठे बोल का महत्व सबसे ज्यादा है। अगर कोई व्यक्ति अपनी वाणी में मिठास और अपने व्यवहार में सौम्यता रखता है, तो उसे कम उम्र में ही सफलता मिलने के आसार बढ़ जाते हैं। मधुरभाषी व्यक्ति हर किसी का दिल जीत लेते हैं। ऐसे लोग जहां भी जाते हैं, अपने मीठे शब्दों और सुलझे हुए स्वभाव से लोगों को प्रभावित कर लेते हैं। उनकी यह खासियत उन्हें हर क्षेत्र में तरक्की दिलाती है।
मीठे बोल, बड़े अनमोल
विदुर नीति में कहा गया है, ‘मीठे बोल, बड़े अनमोल।’ इसका मतलब है कि अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन और काम-धंधे में तरक्की करना चाहता है, तो उसे अपनी वाणी में मिठास लानी चाहिए। मीठे शब्द न केवल किसी के दिल को जीतते हैं, बल्कि समाज में अपनी पहचान को भी मजबूत बनाते हैं। विदुर कहते हैं, आपके शब्द आपके व्यक्तित्व की ताकत हैं। इन्हें अनमोल बनाएं और देखें कैसे ये आपकी जिंदगी को एक नई ऊंचाई पर ले जाते हैं।
तरक्की का मूल मंत्र
विदुर नीति यह सिखाती है कि किसी भी व्यक्ति के बोल उसकी सबसे बड़ी ताकत होते हैं। आप जैसे शब्दों का चयन करते हैं, वैसा ही असर आपके जीवन और कामकाज पर पड़ता है। मीठे बोल न केवल दूसरों का दिल जीतते हैं, बल्कि आपके लिए नए अवसरों के दरवाजे भी खोलते हैं। विदुर नीति बताती है कि समाज के लोग उनकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। यह देखा गया है कि जो आदमी मधुरभाषी होते हैं, वे दुश्मन को भी दोस्त बना लेते हैं।
खिंची चली आती है सफलता और धन!
मधुर और निश्चल व्यवहार और मीठे बोल देवताओं को भी बेहद प्रिय है। यही कारण है कि ऐसे लोगों पर इसी वजह से धन की देवी की कृपा भी उसके ऊपर हमेशा बरसती है। एक सबसे अच्छी बात यह भी है कि ऐसे लोगों के पास सफलता और धन खुद-ब-खुद खिंची चली आती है।
कटु वचन बिगाड़ देते हैं हर काम
विदुर नीति के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति विनम्रता और मधुर वाणी की जगह कटु वचन बोलता है, तो उसे अपने जीवन में सफलता पाना बेहद मुश्किल हो जाता है। कटु शब्द न केवल दूसरों को आहत करते हैं, बल्कि बोलने वाले के जीवन पर भी नकारात्मक असर डालते हैं। विदुर कहते हैं कि कड़वे शब्द दूसरों के मन में नाराजगी और असंतोष भर देते हैं। यह नाराजगी धीरे-धीरे ऐसी परिस्थितियाँ पैदा करती है, जो आपके काम को बिगाड़ सकती हैं।
ये भी पढ़ें: Numerology: 2025 में इस मूलांक की 3 तारीखों में जन्मे लोगों पर होगी हनुमान जी की खास कृपा, बनेंगे बिगड़े काम!
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।