नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने जांच पड़ताल के बाद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को 5 साल के लिए बैन कर दिया है। PFI के अलावा 8 और संगठनों पर कार्रवाई की गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार सुबह इस संबंध में अधिसूचना जारी की। पिछले कुछ दिनों से PFI के कई ठिकानों पर एनआईए के छापे पड़े। एनआईए, ईडी और राज्यों की पुलिस और एटीएस ने देशभर में पीएफआई के ठिकानों पर 22 सितंबर और 27 सितंबर को छापेमारी की थी।
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देश में गैरकानूनी गतिविधियों चला रहा था PFI
छापेमारी के दौरान PFI के कई वर्कर्स को पकड़ा गया। जांच एजेंसियों को छापेमारी के दौरान कई सबूत मिले जो संदिग्ध थे। जो दास्तावेज में मिले हैं उनसे ये खुलासा हुई कि PFI और इससे जुड़े संगठन गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। ये गतिविधियां देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा हैं। इनकी गतिविधियां भी देश की शांति और धार्मिक सद्भाव के लिए खतरा बन सकती हैं। ये संगठन चुपके-चुपके देश के एक तबके में यह भावना जगा रहा था कि देश में असुरक्षा है और इसके जरिए वो कट्टरपंथ को बढ़ावा दे रहा था।
दिल्ली दंगा में हाथ
पिछले दिनों नागरिकता कानून के विरोध के समय यूपी के कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। दिल्ली में दंगा हुआ। इन सबका कनेक्शन पीएफआई से जुड़ा। इतना ही नहीं बिहार में फुलवारी शरीफ में गजवाएहिन्द स्थापित करने की साजिश में भी पीएफआई का नाम सामने आया था। एनआईए ने बताया कि पटना में हुई पीएम मोदी के रैली इनके निशाने पर थी।
बम बनाने की ट्रेनिंग
बेंगलुरु में छापेमारी के दौरान पीएफआई लीडर के घर से भारी कैश बरामद हुआ है। फंड एकजुट कर के उसे देश विरोधी गतिविधियों में लगया जाता था। छापेमारी के दौरान IED बनाने के शॉर्ट कट तरीके वाले दस्तावेज बरामद हुए। एजेंसियों के रेड के बाद केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक में प्रदर्शन हुए।
गजवा-ए-हिंद का सपना
जांच एजेंसियों को सबूत मिला है कि PFI के मेंबर्स के संबंध ग्लोबल टेररिस्ट ग्रुप्स से हैं। संगठन के मेंबर्स ने ईराक, सीरिया और अफगानिस्तान में ISIS जॉइन किया। वहां उन्होंने लड़ाई लड़ी और मरे। PFI के कुछ फाउंडिंग मेंबर्स SIMI के लीडर्स थे। PFI नेताओं के ठिकानों से कई किताबें, ब्रॉशर और सीडी मिली हैं जो कि जिहाद के विजन 2047 से संबंधित हैं। इसमें बताया गया है कि किस तरह से भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाना है।
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