रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी जा सकती है। लाभ के पद मामले में चुनाव आयोग ने अपनी राय झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को भेज दी है। सूत्रों की माने तो चुनाव आयोग ने अधिनियम, 1951 की धारा 9 (ए) के तहत दोषी मानते विधानसभा सदस्यता रद्द करने की अनुशंसा की है। लेकिन अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि कल राज्यपाल रमेश बैस हेमंत की विधानसभा सदस्यता पर फैसला सुनाएंगे।
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बता दें कि निजी कारणों से दिल्ली में होने के कारण राज्यपाल दोपहर दो बजे रांची पहुंचे। सूत्रों के अनुसार राज्यपाल आयोग के मंतव्य के वैधानिक पहलुओं का अध्ययन करा रहे हैं। संभावना जतायी जा रही है कि चुनाव आयोग के मंतव्य के अनुसार गवर्नर अपना फैसला शुक्रवार को दे सकते हैं। संवैधानिक प्रावधान के अनुसार राज्यपाल के लिए चुनाव आयोग का मंतव्य मानना बाध्यकारी है।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने फरवरी में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री रहते अपने नाम अनगड़ा में पत्थर खनन लीज लेने का मामला उठाया था। भाजपा ने सीएम हेमंत सोरेन का अयोग्य ठहराने की मांग उठाई थी।
सीएम हेमंत सोरेन ने भी पलटवार किया है। उन्होंने ट्विट कर लिखा कि संवैधानिक संस्थानों को तो खरीद लोगे, जनसमर्थन कैसे खरीद पाओगे। हैं तैयार हम! जय झारखंड। इसके पहले चुनाव आयोग के पत्र पर सोरेन ने कहा कि ऐसा लगता है कि भाजपा नेता, सांसद और उनके कठपुतली जर्नलिस्टों ने रिपोर्ट तैयार की है। नहीं तो ये सील्ड होती।
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उन्होंने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं और एजेंसियों को भाजपा दफ्तर ने टेकओवर कर लिया है। भारतीय लोकतंत्र में ऐसा कभी नहीं देखा गया। वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को आज रांची बुलाया। सीएम की कर्सी जाती है तो आगे की राणनीति क्या होगी इसपर फैसला लिया जाएगा।
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