पटना: बिहार की राजनीति गर्म हो गई है। सीएम नीतीश कुमार और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के बीच तलखी किसी से छिपी हुई नहीं है। अब आरसीपी सिंह जदयू के रडार पर आ गए हैं। पार्टी ने नोटिस जारी कर दिया है। जेडीयू का कहना है कि आरसीपी सिंह ने पार्टी में रहते हुए करोड़ों रुपये की बेहिसाब संपत्ति अपने और अपने परिवार नाम कर दी। आरसीपी सिंह को इसका जवाब देना होगा।
बिहार जेडीयू के अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरसीपी सिंह को कारण बताओ नोटिस भेजकर अकूत संपत्तियों और अनियमितताओं पर जवाब मांगा है। नोटिस में कहा गया है कि आरपीसी सिंह और उनके परिवार ने मिलकर 2013 से अब तक अकूत संपत्ति बनाई है। कुछ पत्नी के नाम तो कुछ दोनों बेटियों के नाम से हैं। सिंह ने 9 साल में 58 प्लॉट खरीदे हैं।
JD(U) issues notice to party leader RCP Singh over "discrepancies in immovable properties registered from 2013-2022 in his name and that of his family." The party has asked him to file his reply at the earliest. pic.twitter.com/bpbYinBQ99
— ANI (@ANI) August 6, 2022
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रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर जमीनें आरसीपी सिंह की पत्नी गिरजा सिंह और दोनों बेटियों लिपि सिंह, लता सिंह के नाम पर हैं। आरोप यह है कि आरसीपी सिंह ने 2016 के अपने चुनावी हलफनामे में इन संपत्तियों का जिक्र नहीं किया है। जेडीयू ने जो दस्तावेज जुटाए हैं उसके अनुसार 2013 से अब तक नालंदा जिले के सिर्फ दो प्रखंड अस्थावां और इस्लामपुर में करीब 40 बीघा जमीन खरीदी गई है। इसके अलावा कई और जिलों में भी संपत्ति बनाई गई है। दस्तावेज में बताया गया है कि सिलाव में लिपि सिंह और लता सिंह के नाम प्लॉट हैं। इसके अलावा अस्थावां (नालंदा) के शेरपुर मालती मौजा में 33 प्लॉट खरीदे गए हैं।
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरसीपी को पत्र लिखकर जवाब मांगा है। उमेश सिंह कुशवाहा ने आरसीपी से कहा कि आरसीपी सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ अधिकारी और राजनेता के रूप में काम किया। दो बार पार्टी ने राज्यसभा भेजा। जेडीयू का राष्ट्रीय महासचिव और फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। केंद्र में मंत्री के रूप में काम करने का भी मौका मिला। लेकिन मुख्यमंत्री जीरो टॉलरेंस नीति पर काम करते हैं और इतने बड़े नेता होने के बावजूद उनपर कोई दाग नहीं लगा और न ही कोई संपत्ति बनाई।