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Apple, Google के बाद WhatsApp पर EU की सख्ती, नए डिजिटल नियमों का करना होगा पालन

WhatsApp अब यूरोपीय संघ के Digital Services Act (DSA) के तहत Very Large Online Platform (VLOP) की श्रेणी में आ गया है। इसे अवैध और हानिकारक कंटेंट पर सख्त कदम उठाने होंगे, अन्यथा भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।

Author Edited By : Ankita Pandey Updated: Feb 21, 2025 07:45

 WhatsApp Faces EU Crackdown: Apple, Google और Microsoft की तरह अब WhatsApp को भी यूरोप में कड़े नियमों का सामना करना पड़ेगा। बता दें कि मेटा के मैसेंजिंग ऐप यूरोपीय संघ (EU) के Digital Services Act (DSA) के तहत निर्धारित यूजर लीमिट को पार कर चुका है। इससे अब इसे अवैध और हानिकारक ऑनलाइन कंटेंट पर सख्त कार्रवाई करनी होगी। हाल कि रिपोर्ट में पता चला है कि अब इसके एक्टिव यूजर 46.8 मिलियन हो चुके हैं। आइए इसके नियम के बारे में जानते हैं।

पार किया DSA का यूजर बेंचमार्क

यूरोपीय संघ (EU) के नए डिजिटल नियमों के हिसाब से अगर कोई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म 45 मिलियन मंथली एक्टिव यूजर्स की लीमिट पार कर लेता है, तो उसे Very Large Online Platform (VLOP) की कैटेगरी में रखा जाता है। 14 फरवरी को आई WhatsApp की रिपोर्ट में बताया गया कि दिसंबर 2024 तक यूरोप में इसके औसतन 46.8 मिलियन मंथली यूजर थे। इसकी पुष्टि करते हुए यूरोपियन कमीशन के प्रवक्ता थॉमस रेग्नियर ने कहा कि WhatsApp अब VLOP कैटेगरी में आता है।

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करना होगा DSA का पालन

इस बदलाव के साथ WhatsApp के पास चार महीने का समय होगा, ताकि वह DSA के सख्त नियमों का पालन कर सके। अब सवाल उठता है कि इसमें क्या नियम है।

  • अवैध और हानिकारक कंटेंट की पहचान करने और उसे रोकने के लिए उचित कदम उठाने होंगे।
  • मौलिक अधिकारों, पब्लिक सेफ्टी और चाइल्ड प्रोटेक्शन से जुड़े जोखिमों का जांच करनी होगी।
  • इसके साथ ही अगर वह किसी भी नियम के उल्लंघन करते हैं तो WhatsApp को ग्लोबल एनुअल रेवेन्यू पर 6% तक जुर्माना देना पड़ सकता है।

Meta ने EU पर उठाए सवाल

WhatsApp कीकंपनी Meta पहले से ही Facebook और Instagram पर इन नियमों का पालन कर रही है। लेकिन CEO मार्क जुकरबर्ग और ग्लोबल पॉलिसी डायरेक्टर जोएल कैपलान लगातार यूरोपीय संघ की टेक नीतियों की आलोचना कर रहे हैं। म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए कैपलान ने कहा कि यदि यूरोपीय संघ Meta को टारगेट कर रहा है। ऐसे में वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से हस्तक्षेप की मांग कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि Meta फेक न्यूज से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है और Community Notes जैसी सुविधा लेकर आया है, जो यूजर्स को फेक्ट चेक में मदद करेगी।

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Ankita Pandey

First published on: Feb 21, 2025 07:45 AM

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