10-Minute Smartphone Delivery Strategy: बीते कुछ सालों में इंडिया में क्विक डिलीवरी का क्रेज तेजी से बढ़ता जा रहा है। ऐसे में टॉप स्मार्टफोन ब्रांड्स भी इस लिस्ट में शामिल हो गए हैं। भारत में Quick Commerce (क्विक कॉमर्स) का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। स्मार्टफोन ब्रांड्स के इस रेस में शामिल होने के बाद ये सर्विस और भी हाइलाइट हो रही है। Vivo, Samsung, Motorola और Lenovo जैसी बड़ी कंपनियां 10 मिनट में स्मार्टफोन डिलीवरी की तरफ रुख कर रही हैं। Zepto, Blinkit और Swiggy Instamart जैसे प्लेटफॉर्म पहले ही कंज्यूमर्स के बीच फेमस हैं और मेट्रो सिटी में इनका सबसे ज्यादा क्रेज है। आइए इसके बारे में जानते हैं।
10 मिनट में स्मार्टफोन – कितना फायदेमंद?
भारत में लगभग 40% स्मार्टफोन सेल ऑनलाइन चैनलों से होती है, लेकिन 10 मिनट में फोन डिलीवरी के कॉन्सेप्ट के साथ कई चुनौतियां भी हैं। टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट का मानना है कि यह रणनीति मुख्य रूप से एक मार्केटिंग प्लॉय हो सकती है। Counterpoint Research के एक्सपर्ट शुभम सिंह के अनुसार, FMCG और रोजमर्रा की चीजों के लिए क्विक कॉमर्स सही है, लेकिन स्मार्टफोन महंगे होते हैं, जिनकी खरीदारी से पहले रिसर्च और बाद की सर्विसेज की जरूरत होती है। यह सुविधा केवल उन लोगों के लिए सही हो सकती है, जिन्हें तुरंत फोन रिप्लेसमेंट की जरूरत हो।
स्मार्टफोन ब्रांड की नई स्ट्रेटजी
क्विक कॉमर्स की मदद से डिलीवरी करने का क्रेज इसलिए तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि कंज्यूमर्स जितनी जल्दी हो सके, अपने लिए डिलीवरी चाहते हैं। ऐसे में टॉप स्मार्टफोन कंपनियां क्विक कॉमर्स का सहारा लेना शुरू कर रही हैं। आइए जानते हैं कौन से ब्रांड इस लिस्ट में शामिल हैं।
- Vivo ने Zepto के साथ साझेदारी की है, जिससे उनके स्मार्टफोन 10 मिनट में डिलीवर किए जा सकें।
- Samsung ने अपने S25 सीरीज के लिए Tata BigBasket के साथ पार्टनरशिप की है।
- Xiaomi और Lava ने भी अपनी डिस्ट्रीब्यूशन स्ट्रेटजी में क्विक कॉमर्स को जोड़ा है।
- वहीं Lenovo ने भी अपने टैबलेट और मॉनिटर्स को इन प्लेटफॉर्म्स पर लिस्ट किया है।
- Blinkit, Zepto और BigBasket जैसे प्लेटफॉर्म्स पहले ही iPhone 16 को लॉन्च के 10 मिनट के भीतर डिलीवर कर चुके हैं।
क्विक कॉमर्स से स्मार्टफोन सेल
क्विक कॉमर्स से स्मार्टफोन की डिलीवरी कराने के फायदे और नुकसान दोनों हैं। Lenovo India के कंज्यूमर डॉयरेक्टर दिनेश नायर का कहना है कि इससे शॉर्ट टर्म में एक्सेसरीज, टैबलेट और एंट्री-लेवल डिवाइसेस को तेजी से अपनाया जाएगा, क्योंकि इनका टिकट साइज कम होता है। लेकिन लैपटॉप, गेमिंग पीसी और हाई-एंड डिवाइसेस की बिक्री चैलेंजिंग हो सकती है।
इसके अलावा, Datum Intelligence के सलाहकार सतीश मीना का मानना है कि स्मार्टफोन और टैबलेट्स क्विक कॉमर्स के लिए बड़े पैमाने पर सेल नहीं बढ़ाएंगे, लेकिन यदि कीमतें और EMI प्लान Flipkart और Amazon के समान हुए, तो यह कुछ कस्टमर्स को आकर्षित कर सकता है।
ऑफलाइन रिटेलर्स की नाराजगी
हालांकि स्मार्टफोन ब्रांड्स की क्विक डिलीवरी के कारण ऑफलाइन मोबाइल रिटेलर्स बहुत प्रभावित और नाराज नजर आ रहे हैं। AIMRA (ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर एसोसिएशन) के फाउंडिंग प्रेसिडेंट कैलाश लख्यानी ने Vivo, Xiaomi, Apple और Samsung को लेटर लिखकर क्विक कॉमर्स के माध्यम से बिक्री बंद करने की मांग की है। AIMRA का मानना है कि क्विक कॉमर्स ब्रांड वैल्यू को नुकसान पहुंचाता है, रिटेल स्ट्रक्चर को बाधित करता है और ग्रे मार्केट को बढ़ावा देता है।
क्या है क्विक कॉमर्स स्मार्टफोन बिक्री का भविष्य?
भले ही 10 मिनट डिलीवरी सुनने और देखने में अच्छी लगती है, लेकिन इससे स्मार्टफोन या मॉनिटर जैसे प्रोडक्ट मंगवाना परेशानी पैदा कर सकता है। इन प्रोडक्ट को खरीदते समय पूरी रिसर्च की जाती है। इसके अलावा कंज्यूमर्स स्पेसिफिकेशन्स, कैमरा क्वालिटी, और अन्य फीचर्स की तुलना करते हैं। इसलिए, यह ट्रेंड मुख्य रूप से ब्रांड्स के लिए एक मार्केटिंग स्ट्रेटेजी हो सकती है, न कि एक नया डिलीवरी सॉल्यूशन।
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