अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापार तनाव में भारत के लिए सुनहरा अवसर साबित होने को है। टेक कंपनी Apple काफी सालों से चीन पर निर्भर रही है। लेकिन अब Apple, अपनी निर्माण नीति में अहम बदलाव करने से जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, दिग्गज टेक कंपनी एपल अमेरिका में बिकने वाले सभी आईफोन का निर्माण अगले साल की शुरुआत से भारत में करने की योजना बना रही है। इस योजना से मेक इन इंडिया को तो बढ़ावा मिलेगा ही साथ ही ग्लोबल विनिर्माण हब बनने की दिशा में भारत की स्थिति मजबूत होगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका-चीन व्यापार तनाव के कारण एपल समेत कई कंपनियां अपनी आपूर्ति शृंखला में विविधता लाने के लिए तेजी से काम कर रही हैं। एपल अमेरिका में बिकने वाले 6 करोड़ से ज्यादा आईफोन का उत्पादन 2026 के अंत तक पूरी तरह से भारतीय प्लांट में स्थानांतरित करना चाहती है। अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते टैरिफ युद्ध और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कड़े आयात शुल्क की धमकियों की वजह से कंपनी अब अपनी सप्लाई चेन में अहम बदलाव करने जा रही है।
आपको बता दें कि Apple के लिए अमेरिका काफी बड़ा मार्केट है। IDC आंकड़ों के मुताबिक, साल 2024 में अमेरिका Apple ने अपने 28% आईफोन अमेरिका में बेचे थे। iPhone का निर्माण भारत में करना कंपनी को न केवल भारी टैरिफ से बचाएगा, बल्कि अमेरिका-चीन तनाव के चलते दीर्घकालिक जोखिमों से भी सुरक्षा देगा।
Apple ने टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और फॉक्सकॉन के साथ साझेदारी के जरिये भारत में अपना उत्पादन बढ़ाया है। फॉक्सकॉन चीन से पार्ट्स का आयात कर भारत में iPhone बना रही है। मार्केट इंटेलिजेंस फर्म आईडीसी के हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि 2025 के पहले तीन महीनों में भारत में बने 30 लाख से अधिक iPhone का निर्यात किया गया। फॉक्सकॉन ने मार्च में 1.31 अरब डॉलर के आईफोन का निर्यात किया। इसमें आईफोन-13, 14, 16 और 16ई जैसे मॉडल भी शामिल थे। केंद्र सरकार Apple को उत्पादन के विस्तार में मदद कर रही है। Apple सरकार की पीएलआई योजना का लाभ ले रही है।
यह भी पढ़ें: Amazon की Great Summer Sale में क्या-क्या मिलेगा सस्ता, जानें कब होगी शुरू?