Inverter Battery Water Change Time: देश के कई हिस्सों में इन दिनों गर्मी ने सारी हदें पार कर रखी हैं। कुछ जगह तो तापमान 45 डिग्री से ऊपर बना हुआ है। ऐसे में एक दिन भी बिना बिजली के रहना काफी मुश्किल हो गया है। AC छोड़िए मजाक-मस्ती में अगर कोई गलती से पंखा बंद कर दे तो बवाल हो जाता है। वहीं, अगर लाइट चली जाए तो ब्रेकअप से भी ज्यादा दुख होने लगता है। हालांकि सरकार की ओर से वैसे तो हर जगह पावर सप्लाई पोल टू पोल की जाती है लेकिन बिजली 24 घंटे चलेगी इसकी कोई गारंटी नहीं है।
ऐसे में हम में से ज्यादातर लोग पावर बैकअप के लिए अपने घर या ऑफिस में इन्वर्टर का यूज करते हैं। क्या आप भी उन्हीं में से एक हैं? अगर हां, तो आप ये बात भी अच्छे से जानते ही होंगे की कुछ समय बाद इनवर्टर की बैटरी में पानी डालना पड़ता है। हालांकि इसका एक सही समय होता है, अगर आप इसका ध्यान रखते हैं तो आप बैटरी से अच्छा बैकअप भी ले सकते हैं। तो बैटरी में कब पानी डालना चाहिए? और कौन से वाटर का यूज करें? चलिए इसके बारे में जानें…
कब डालें इनवर्टर में पानी?
कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनवर्टर की बैटरी का पानी आपको रेगुलर बदलते रहना चाहिए। इससे बैटरी की लाइफ बेहतर हो जाती है और ये पहले से भी अच्छे ढंग से काम करती है। हालांकि बहुत से लोगों के मन में ये सवाल है बना रहता है कि बैटरी में पानी बदलने का सही समय क्या है और कितने वक्त बाद इसे बदलना चाहिए। हालांकि ये बात पूरी तरह से आपके बैटरी टाइप पर डिपेंड करता है और आप इसे कैसे यूज कर रहे हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि हर 45 दिन में आपको इन्वर्टर बैटरी के पानी का लेवल चेक करना चाहिए और इस बात का खास ख्याल रखें कि पानी मिनिमम लेवल पर हो। ऐसा देखा गया है कि हेवी यूज होने वाली इनवर्टर बैटरी का पानी 3 महीने में कम होने लगता है। जबकि कम यूज होने वाली बैटरी का वाटर लेवल 4 से 5 महीने तक कम होता है।
इनवर्टर बैटरी में कौन-सा वाटर करें यूज?
जो लोग नहीं जानते उन्हें बता दें कि इनवर्टर की बैटरी में आपको सिर्फ डिस्टिल्ड वाटर का इस्तेमाल करना चाहिए। गलती से भी इसमें आपको नल या RO वाटर का यूज नहीं करना चाहिए। इससे बैटरी खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। डिस्टिल्ड वॉटर आप चाहें तो ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन मार्केट से खरीद सकते हैं। ये आपको हर जगह आसानी से मिल जाएगा।