Infosys Job Cuts: नैसेंट इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट यानी NITES ने इन्फोसिस के खिलाफ श्रम मंत्रालय में फॉर्मल कंप्लेंट फाइल कराई है, जिसमें अवैध छंटनी का आरोप लगाया गया है। NITES का दावा है कि यह श्रम कानूनों का उल्लंघन है। श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया को सौंपी गई इस शिकायत में NITES ने आरोप लगते हुए कहा है कि इन्फोसिस ने हाल ही में जॉइन किए गए कैंपस रिक्रूट्स को नौकरी से निकाल दिया, जिन्हें ऑफर लेटर मिलने के बावजूद कंपनी जॉइन करने में दो साल की देरी हुई। दूसरी तरफ कंपनी ने छंटनी का कारण इंटरनल असेसमेंट प्रोग्राम में फेलियर को बताया है।
रिक्रूट्स को जबरन जॉब से निकाला
NITES के वकील और अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा ने श्रम मंत्री को लिखे लेटर में कहा कि हमारे पास प्रभावित कर्मचारियों से कई शिकायतें मिली हैं, जिनसे पता चला कि इन्फोसिस लिमिटेड ने हाल ही में शामिल किए गए कैंपस रिक्रूट्स को जबरन जॉब से निकाल दिया है। संगठन का मानना है कि इन्फोसिस की यह कार्रवाई IT इंडस्ट्री के लिए खतरनाक है, जिससे अन्य कंपनियां भी ऐसा कर सकती हैं। संगठन ने अपनी शिकायत के साथ कर्मचारियों की शिकायतों की कॉपी भी साथ भी जोड़ी हैं।
NITES की केंद्रीय श्रम मंत्रालय के सामने रखी 3 मांगें
- औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के उल्लंघन के चलते NITES ने इंफोसिस के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई और मामले की जांच की मांग की है।
- संगठन ने कानूनी जांच पूरी होने तक आगे की छंटनी पर रोक लगाने की मांग की है।
- इतना ही नहीं NITES ने सभी निकाले गए कर्मचारियों को मुआवजे के साथ बहाल करने की मांग की है।
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इन्फोसिस ने निकाले 700 कर्मचारी?
वहीं, दूसरी तरफ इन्फोसिस ने NITES के 700 कर्मचारियों की छंटनी के दावे को गलत बताया है। यही नहीं IT दिग्गज का कहना है कि यह संख्या 350 से भी कम है। कंपनी ने इसे म्यूच्यूअल सेपरेशन बताया और क्लियर किया है कि कर्मचारी तीन अटेम्प्ट्स के बाद भी इंटरनल असेसमेंट पास नहीं कर सके। जबकि NITES ने यह भी आरोप लगाया है कि इन्फोसिस ने कर्मचारियों को धमकाने और डराने की स्ट्रेटेजी भी अपनाई है।