D2M Technology: बहुत जल्दी आप अपने मोबाइल पर बिना इंटरनेट के टीवी चैनल और OTT कंटेंट देख पाएंगे। सरकार द्वारा की जा रही एक नई पहल के तहत अब डायरेक्ट टू मोबाइल (यानि D2M) टेक्नोलॉजी के जरिए एक और मोबाइल क्रांति होने वाली है। इसके लिए भारत सरकार के केन्द्रीय दूरसंचार विभाग, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और IIT, कानपुर ने विस्तृत योजना बना कर काम भी शुरू कर दिया है।
क्या है डायरेक्ट टू मोबाइल (D2M) टेक्नोलॉजी
एक्सपर्ट्स के अनुसार डायरेक्ट टू मोबाइल तकनीक (D2M Technology) काफी कुछ डायरेक्ट टू होम (D2H) टेक्नोलॉजी की ही तरह काम करेगी। यह वास्तव में दो अलग-अलग तकनीक ब्रॉडबैंड और ब्रॉडकास्ट को मिलाकर बनाई गई है। इसमें फोन में लगा हुआ एक रिसीवर रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए ब्रॉडकास्ट कंटेंट को कैच करेगा जिसे आप अपने मोबाइल पर देख भी सकेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसके लिए 526-582 मेगाहर्ट्स बैंड का उपयोग किया जाएगा। फिलहाल इस टेक्नोलॉजी का परीक्षण किया जा रहा है। टेस्टिंग पूरी होने के बाद टेलिकॉम ऑपरेटर्स और अन्य स्टेक होल्डर्स के साथ मीटिंग कर इस संबंध में फाइनल निर्णय लिया जाएगा।
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अभी देश में हैं 80 करोड़ यूजर्स
आंकड़ों के अनुसार अभी देश में 80 करोड़ स्मार्टफोन यूजर हैं जो अगले तीन वर्षों (यानि 2026) में बढ़कर 100 करोड़ हो सकते हैं। वर्तमान में स्मार्टफोन यूजर्स इंटरनेट के जरिए ऑडियो-वीडियो कंटेंट देख रहे हैं, जबकि ऐप्स के जरिए ओटीटी कंटेंट देख रहे हैं। ऐसे में नई टेक्नोलॉजी का आना यूजर्स के साथ-साथ टेलीकॉम कंपनियों के लिए भी बहुत बड़ा टर्निंग प्वाइंट होगा।
टेलीकॉम कंपनियां हैं विरोध में
बताया जा रहा है कि फिलहाल अधिकतर टेलीकॉम कंपनियां नई टेक्नोलॉजी को लागू करने के विरोध में हैं। इसकी वजह से इंटरनेट यूज की लिमिट घट सकती है जिसकी वजह से उनकी आय भी प्रभावित होगी।