Starlink Satellite Internet: भारत में इंटरनेट तेजी से फैल रहा है, लेकिन आज भी कई गाँव और दूरदराज के इलाकों में अच्छा इंटरनेट नहीं मिलता। ऐसे में एलन मस्क की कंपनी SpaceX की Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सेवा बड़ी मदद कर सकती है। यह सेवा मोबाइल टावर या फाइबर के बिना, सीधा सैटेलाइट से इंटरनेट देती है। Starlink अभी दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में शुरू हो चुकी है, लेकिन भारत में इसे सरकार की मंजूरी का इंतजार है। अगर यह लॉन्च होती है तो क्या भारतीयों को तेज और अच्छा इंटरनेट मिलेगा? आइए जानते हैं।
स्टारलिंक कैसे काम करता है?
एलन मस्क की कंपनी SpaceX की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा Starlink दुनिया भर में तेजी से फैल रही है। यह उन जगहों पर हाई-स्पीड इंटरनेट देता है, जहां सामान्य ब्रॉडबैंड सेवाएं नहीं पहुंच पातीं। आमतौर पर इंटरनेट के लिए केबल या मोबाइल टावर का इस्तेमाल होता है, लेकिन Starlink की टेक्नोलॉजी अलग है। यह धरती के नजदीक (लो-अर्थ ऑर्बिट) घूमने वाले सैटेलाइट्स के जरिए इंटरनेट उपलब्ध कराता है। जनवरी 2024 तक SpaceX ने करीब 7,000 Starlink सैटेलाइट्स लॉन्च किए हैं और हर 5 साल में नई टेक्नोलॉजी के साथ इन्हें अपडेट करने की योजना है। Starlink का इस्तेमाल करने के लिए ग्राहकों को एक खास डिश और राउटर की जरूरत होती है। यह डिश सीधे सैटेलाइट्स से सिग्नल लेकर इंटरनेट उपलब्ध कराती है। यह सेवा न सिर्फ घरों और दफ्तरों में बल्कि चलते-फिरते वाहनों, नावों और हवाई जहाजों में भी काम कर सकती है।
The first Starlink satellite direct to cell phone constellation is now complete.
This will enable unmodified cellphones to have Internet connectivity in remote areas.
---विज्ञापन---Bandwidth per beam is only ~10Mb, but future constellations will be much more capable. https://t.co/wJHMGEzzE4
— Elon Musk (@elonmusk) December 5, 2024
भारत में Starlink की संभावित योजनाएं और स्पीड
भारत में Starlink सेवा फिलहाल सरकार की मंजूरी के इंतजार में है। हालांकि अगर इसे स्वीकृति मिलती है तो यह देश के ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में इंटरनेट क्रांति ला सकता है। Starlink ने हाल ही में भूटान में अपनी सेवाएं शुरू की हैं, जिससे हम अनुमान लगा सकते हैं कि भारत में इसकी संभावित योजनाएं कैसी हो सकती हैं। भूटान में Starlink दो प्रमुख प्लान्स के साथ उपलब्ध है, एक ₹3,001 प्रतिमाह का प्लान, जो 23 Mbps से 100 Mbps की स्पीड देता है और दूसरा ₹4,201 प्रतिमाह का प्लान, जिसकी स्पीड 25 Mbps से 110 Mbps के बीच होती है। भारत में Starlink के प्लान्स की कीमतें इससे थोड़ी अधिक हो सकती हैं क्योंकि विदेशी डिजिटल सेवाओं पर भारत में 30% अधिक टैक्स लगाया जाता है। इस कारण भारतीय यूजर को Starlink के लिए ₹3,500 से ₹4,500 प्रति माह खर्च करने पड़ सकते हैं।
क्या Starlink भारत में फाइबर ब्रॉडबैंड से तेज होगा?
Starlink के सैटेलाइट्स धरती के करीब होते हैं, इसलिए इसकी इंटरनेट स्पीड काफी अच्छी होती है। इसकी लेटेंसी (यानी डेटा के आने-जाने में लगने वाला समय) सिर्फ 25-50 मिलीसेकंड होती है, जबकि पारंपरिक सैटेलाइट इंटरनेट की लेटेंसी 600 मिलीसेकंड से भी ज्यादा होती है। इसका फायदा यह है कि ऑनलाइन गेमिंग, वीडियो कॉलिंग और HD स्ट्रीमिंग जैसी सेवाएं बिना रुकावट के चल सकती हैं। हालांकि, शहरों में JioFiber और Airtel Xstream जैसी फाइबर ब्रॉडबैंड सेवाएं ज्यादा तेज और सस्ती हैं। इसलिए Starlink उन गांवों और दूरदराज के इलाकों के लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है, जहां अभी तक फाइबर इंटरनेट नहीं पहुंचा है। अगर भारत में इसे मंजूरी मिलती है, तो यह इंटरनेट से कटे क्षेत्रों के लिए एक बड़ा बदलाव ला सकता है।
भारत में Starlink की चुनौतियां और संभावनाएं
Starlink की सफलता भारत में कई चीजों पर निर्भर करेगी। सबसे जरूरी बात यह है कि इसे सरकार से मंजूरी और सही नीतियां मिलें। इसके अलावा, अगर इसके प्लान बहुत महंगे हुए, तो इसे बहुत कम लोग इस्तेमाल कर पाएंगे। लेकिन अगर SpaceX भारतीय ग्राहकों के लिए सस्ते प्लान लाता है, तो यह गांवों और दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट पहुंचाने में बड़ा बदलाव ला सकता है। भारत में OneWeb और Jio-SES जैसी दूसरी सैटेलाइट इंटरनेट कंपनियां भी हैं, इसलिए Starlink को अपनी रणनीति बहुत सोच-समझकर बनानी होगी। अगर सब कुछ सही रहा और जरूरी मंजूरी मिल गई, तो आने वाले समय में Starlink लाखों भारतीयों को तेज इंटरनेट की नई सुविधा दे सकता है।