How AI became a threat to Jobs: आर्टिशियल इंटेलिजेंस यानी AI की जब से एंट्री हुई है तब से कई काम आसान हो गए हैं। ऐसे चैटबॉट मार्केट में आ गए हैं जो किसी इंसान की तरह काम कर सकते हैं। इतना ही नहीं अब तो ये चैटबॉट लोगों की नौकरियां भी निगल रहे हैं। स्वीडिश रिटेल कंपनी क्लारना जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदों की सबसे बड़ी मिसाल बन गई है। ये कंपनी इन दिनों मार्केटिंग की कॉपी और पब्लिसिटी के लिए इमेज बनाने के लिए पूरी तरह से AI पर डिपेंड है। इस तरह कंपनी हर महीने मोटा पैसा बचा रही है।
कंपनी को इससे 300 करोड़ रुपए का फायदा
कंपनी ने इस साल की शुरुआत में बताया था कि AI चैटबॉट असिस्टेंट उनके 700 कस्टमर सर्विस एजेंट्स का काम कर रहा है। इस बदलाव से कंपनी को करंट ईयर में 300 करोड़ रुपए से अधिक का प्रॉफिट होने की उम्मीद है। बिजनेस चलाने में क्लारना का तरीका काफी जबरदस्त लगता है। ये इकलौती कंपनी नहीं है, इसके अलावा आज कई बड़ी कंपनियां एआई का यूज कर रही हैं। हालांकि इससे कर्मचारियों में सबसे ज्यादा नौकरी जाने का डर मन में हर वक्त बना हुआ है।
ये भी पढ़ें : 200MP कैमरा वाला सस्ता फोन आज आएगा नए Look में, कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश
जा सकती है नौकरी…
हाल ही में हुए एक सर्वे में भी अधिकतर अमेरिकन्स ने इस बात को एक्सेप्ट किया है कि एआई से जॉब जा सकती है। यह खतरा बढ़ता जा रहा है। ऐसी कई अमेरिकी कंपनियां हैं जो एआई में पैसा लगाने के साथ उसके फायदों पर नजर बनाए हुए हैं। अब तक AI टूल्स से किसी वर्कर के कुछ काम तो हो रहे हैं लेकिन अभी इसका इस्तेमाल पूरी तरह से नहीं किया जा सकता क्योंकि कुछ कस्टमर्स को एआई चैटबॉट का एक्सपीरियंस पसंद नहीं आया है।
खुद भी इस्तीफा दे रहे लोग
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कुछ लोग तो सिर्फ इसलिए नौकरी छोड़ना चाहते हैं क्योंकि वे मुश्किल टास्क से तंग आ गए हैं। अच्छा वेतन होने के बाद भी एक सर्वे में बताया गया है कि 66% सीनियर मैनेजर्स और 58% आईटी प्रोग्राम मैनेजर्स जॉब छोड़ना चाहते हैं। लगातार मुश्किल टास्क करने की वजह से बहुत से लोगों ने पीछे कुछ वक्त में इस्तीफा दिया है।