Power bank Flight Rules: जब आप फ्लाइट में बैठते हैं तो चेक-इन बैगेज में पावर बैंक ले जाने की अनुमति नहीं होती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों है? दरअसल, इस नियम के पीछे सुरक्षा कारण हैं, जिन्हें समझना बेहद जरूरी है। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने इसकी जानकारी दी है कि पावर बैंक में लिथियम-आयन बैटरियां होती हैं, जिनमें दहनशीलता (combustibility) होती है।
अगर इन्हें ठीक से संभाला न जाए या ये क्षतिग्रस्त हो जाएं, तो ये ओवरहीट होकर आग पकड़ सकते हैं। खासतौर पर बैकअप लोडिंग और बैगेज हैंडलिंग के दौरान इनके डैमेज होने की संभावना अधिक होती है, जिससे सुरक्षा जोखिम बढ़ जाता है। यही कारण है कि पावर बैंक को चेक-इन बैगेज में रखना बैन किया गया है। आइए इस नियम के बारे में जानते हैं।
कहां रख सकते हैं पावर बैंक?
एयरपोर्ट अथॉरिटी ने बताया कि यात्रियों को केबिन बैगेज या हाथ में ले जाने वाले बैग में पावर बैंक रखने की अनुमति होती है, लेकिन इसके लिए भी कुछ सीमाएं हैं। फ्लाइट के केबिन में अगर कोई आग लगने की घटना होती है, तो फ्लाइट क्रू तुरंत रिएक्शन दे सकता है और स्थिति को कंट्रोल किया जा सकता है। लेकिन कार्गो होल्ड में ऐसा करना संभव नहीं होता, जिससे बड़ी दुर्घटना हो सकती है। बता दें कि कार्गो होल्ड वो जगह है, जहां चेक-इन बैगेज रखा जाता है।
क्या है नियम?
नियम की बात करें तो फ्लाइट के दौरान आपको 100Wh तक के मैक्सिमम दो पावर बैंक ले जाना अलाउड है। इसके साथ ही, 100Wh से 160Wh के बीच कैपेसिटी वाले पावर बैंक को ले जाने के लिए एयरलाइन से अप्रूवल लेना जरूरी है। 160Wh से ज्यादा क्षमता वाले पावर बैंक आमतौर पर पूरी तरह प्रतिबंधित हैं। यात्रा के दौरान पावर बैंक हमेशा हैंड बैगेज में ही रखें, चेक-इन बैगेज में नहीं।
साथ ही अपनी एयरलाइन की लेटेस्ट सुरक्षा पॉलिसी और नियमों की पहले से जांच करें। संदेह होने पर, चेक-इन काउंटर पर पावर बैंक की जानकारी दें, ताकि एयरलाइन स्टाफ आपको सही गाइडेंस दे सके। पावर बैंक को सीधे धूप या गर्मी से बचाएं, और यदि संभव हो तो प्रोटेक्टिव कवर में रखें।
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