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एलन मस्क को मिली मंजूरी, भारत में सैटेलाइट की मदद से चलेगा इंटरनेट, जानें कैसे करेगा काम?

यूजर्स के लिए यह गुड न्यूज है। अब आपको इंटरनेट की परेशानी नहीं होगी। एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को भारत में सैटेलाइट इंटरनेट चलाने का लाइसेंस मिल गया है। इसके बाद यूजर्स को सीधे सैटेलाइट के माध्यम से इंटरनेट चलाने का ऑप्शन दिया जाएगा। आइए जानते हैं बिना केबल के इंटरनेट कैसे चलेगा?

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: May 8, 2025 11:36
satellite internet service
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कई बार ऐसा होता है कि इंटरनेट न चलने से आप परेशान हो जाते हैं, तो अब आपको घबराने की जरूरत नहीं है। अमेरिकी अरबपति और इनोवेटर एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस देने से जुड़ा लाइसेंस मिल गया है। इसके बाद यूजर्स को सीधे सैटेलाइट के माध्यम से इंटरनेट चलाने का ऑप्शन दिया जाएगा।

अमेरिकी कंपनी ने करीब 2 साल पहले लाइसेंस के लिए भारत में अप्लाई किया था और पूरी दुनिया की तरह भारत में भी अपने लो-अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट्स की मदद से इंटरनेट सेवाएं देने की पेशकश की थी। आखिरकार दूरसंचार विभाग(DoT) से इन्हें मंजूरी दे दी गई है। पृथ्वी के पास मौजूद सैटेलाइट्स के माध्यम से यूजर्स को अलग-अलग क्षेत्रों में इंटरनेट सर्विस दी जा सकती है। आइए जानते हैं…

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स्टारलिंक स्पेस में मौजूद बड़ा नेटवर्क

बता दें कि स्टारलिंक स्पेस में मौजूद छोटे इंटरनेट सैटेलाइट्स का एक बड़ा नेटवर्क है। ये करीब 550 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित है। तुलना के लिए बता दें कि बाकी बड़े नेविगेशन सैटेलाइट्स पृथ्वी से लगभग 2000 किलोमीटर से लेकर 25 हजार किलोमीटर तक दूर हो सकते हैं।

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बिना किसी केबल के चलेगा इंटरनेट

यूजर्स के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि इंटरनेट सर्विस जो दी जाएगी वह कैसे काम करेगा। ट्रेडिशनल ब्रॉडबैंट कनेक्शन से स्टारलिंक कैसे अलग है, इसे आसानी से समझा जा सकता है। ब्रॉडबैंड के लिए केवल केबल नेटवर्क से जुड़ना जरूरी होता है लेकिन स्टारलिंग सीधे सैटेलाइट से कनेक्टिविटी देता है। यानी जिन क्षेत्रों में केबल नेटवर्क नहीं पहुंच सकता है, वहां भी आसानी से इंटरनेट चल सकता है।

150Mbps एवरेज स्पीड

स्टारलिंक इंटरनेट सर्विस के साथ यूज्रस को 150Mbps तक की एवरेज स्पीड मिलने का दावा कंपनी की ओर से किया गया है। स्टारलिंक की लेटेंसी को 20ms से 40ms तक कम कर दिया गया है, ऐसे में यह ब्रॉडबैंड सर्विसेज के मुकाबले बेहतर स्ट्रीमिंग अनुभव दे सकता है।

ऐसे काम करेगी सैटेलाइट

बता दें कि सबसे पहले यूजर्स को स्टारलिंक किट ऑर्डर करनी होगी और इसे सेटअप करना होगा। इसमें ट्रमिनल, राउटर और सैटेलाइट कनेक्शन के लिए ट्राइपॉड मिलता है। आउटडोर ओपन होने के खुले आसमान के नीचे लगाने के बाद यह अपने आप सैटेलाइट से कनेक्ट हो जाता है और आपके मोबाइल या लैपटॉप में बड़ी आसानी से इंटरनेट चल सकता है और राउटर के जरिए इंटरनेट सर्विस मिलने लगती है।

जानकारी के लिए बता दें कि यह सैटेलाइट सर्विस एक साथ की डिवाइसेज को इंटरनेट से कनेक्ट कर सकते हैं। स्टारलिंक के हजारों सैटेलाइट्स का नेटवर्क इसे अन्य इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स से बेहतर बनाता है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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First published on: May 08, 2025 11:36 AM

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