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चीन को लगा झटका! मोबाइल-लैपटॉप बनाने वाली कंपनियों के लिए गुड न्यूज, मिलेंगे 4-5 अरब डॉलर

Electronics Components Manufacturing in India: घरेलू स्तर पर कॉम्पोनेन्ट मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार ने खास प्लानिंग की है। चलिए इसके बारे में जानें...

Edited By : Sameer Saini | Updated: Nov 25, 2024 12:13
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Electronics Components Manufacturing in India

Electronics Components Manufacturing in India: इन दिनों भारत सरकार मोबाइल फोन से लेकर लैपटॉप तक कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए घरेलू स्तर पर कॉम्पोनेन्ट मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिए पांच अरब डॉलर तक के प्रोत्साहन की योजना बनाई है। इस पहल का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स फील्ड में आत्मनिर्भरता बढ़ाना और चीन पर आयात निर्भरता को कम करना है।

इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्शन में जबरदस्त तेजी

पिछले 6 सालों में भारत का इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्शन दोगुने से ज्यादा बढ़कर 2024 में 115 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। इस सफलता का श्रेय एप्पल और सैमसंग जैसी ग्लोबल कंपनियों द्वारा मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में बढ़ोतरी को जाता है। भारत अब दुनिया का चौथा सबसे बड़ा स्मार्टफोन सप्लायर बन चुका है। हालांकि, इस एरिया को इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स के लिए चीन जैसे देशों पर ज्यादा निर्भरता के चलते आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

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लोकल सप्लाई चैन होगी मजबूत

सरकार के नए प्लान घरेलू स्तर पर प्रमुख घटकों जैसे प्रिंटेड सर्किट बोर्ड के प्रोडक्शन को इनकरेज करेगी। इससे लोकल सप्लाई चैन को मजबूत करने और वैल्यू एडिशन में सुधार करने में मदद मिलेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह योजना न केवल डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देगी, बल्कि इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को और अधिक आत्मनिर्भर बनाएगी।

Electronics Components Manufacturing in India

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लास्ट फेज में है योजना

योजना को अगले 2-3 महीनों में लॉन्च किया जाएगा। इसकी प्रोत्साहन राशि 4-5 बिलियन डॉलर के बीच होगी। लोकल और ग्लोबल कंपनियां प्रोत्साहन के लिए पात्र होंगी। यह योजना भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय द्वारा तैयार की गई है और अब अपने लास्ट फेज में है और अंतिम मंजूरी के लिए इसे वित्त मंत्रालय को भेजा गया है।

2030 तक 500 बिलियन डॉलर का टारगेट

सरकार का टारगेट वित्त वर्ष 2030 तक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को 500 बिलियन डॉलर तक बढ़ाना है, जिसमें 150 बिलियन डॉलर वैल्यू के कंपोनेंट्स का प्रोडक्शन शामिल है। थिंक टैंक GTRI के अनुसार, भारत ने वित्त वर्ष 2024 में 89.8 बिलियन डॉलर वैल्यू के इलेक्ट्रॉनिक्स और रिलेटेड प्रोडक्ट्स आयात किए हैं, जिसमें से आधे से ज्यादा चीन और हांगकांग से थे।

उद्योग जगत की फीडबैक

भारत के सेलुलर और इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के प्रमुख पंकज मोहिन्द्रू ने बताया कि यह योजना सही टाइम पर लाई गई है। कॉम्पोनेन्ट मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देकर हम ग्लोबल लेवल पर प्रतिस्पर्धा में बेहतर स्थान बना सकते हैं। यह कदम न सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा, बल्कि ग्लोबल सप्लाई चैन में एक अहम भूमिका निभाने का अवसर भी देगा।

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Edited By

Sameer Saini

First published on: Nov 25, 2024 12:13 PM

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