How to Avoid Cyber Fraud: चाकू या बंदूक को दिखा कर लूट की वारदातें अब पुरानी बात हो चुकी हैं। टेक्नोलॉजी के जमाने में लुटेरे भी हाईटेक हो गए हैं। ठगी के लिए तरीके भी ऐसे अपनाते हैं कि आप सोच तक नहीं पाएं। कभी आपका रिश्तेदार बनकर फोन आएगा। कभी सोशल मीडिया पर एक भावुक अपील करेंगे। जैसे ही आप शातिरों के जाल में फंसे वैसे ही आपका खाता हो जाता है। ऐसे में आपको ज्यादा कुछ नहीं करना बस शातिरों की बातों को पहचानना है।
देश में जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी बढ़ रही है, वैसे-वैसे साइबर ठग भी बढ़ते जा रहे हैं। साइबर पुलिस ऐसी ठगी के खिलाफ लोगों को जागरूक करती है तो ये शातिर भी खुद को अपडेट करने में लगे हैं। ऐसे में सिर्फ और सिर्फ सतर्कता ही एक मात्र बचाव का उपाय है। अब गौर करने वाली बात आती है कि ये शातिर अपराधी लोगों को अपने जाल में आखिर फंसाते कैसे हैं? ऐसा क्या करते हैं कि लोग आसानी से इनके जाल में फंस जाते हैं।
शातिर अपनाते हैं ये तरीके
- गूगल पर अपने मोबाइल नंबरों को कंपनियों के कस्टमर केयर नंबर के नाम से अपडेट कराते हैं। जैसे ही आप किसी कंपनी के कस्टमर केयर नंबर को सर्च करते हैं तो अधिकतर इन्हीं शातिरों के नंबर आते हैं।
- सोशल मीडिया पर लड़कियों के नाम से प्रोफाइल बनाकर आपको रिक्वेस्ट भेजते हैं। जैसे ही लोग इन रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट करते हैं वैसे ही उनसे चैट करना शुरू कर देते हैं। इसके बाद अपने जाल में फंसाते हैं।
- सोशल मीडिया पर मैसेज करने के बाद फोन नंबर मांगते हैं। इसके बाद एडल्ट वीडियो कॉल करने का झांसा देते हैं और सामने वाले को अपने जाल में फंसाते हैं।
- अनजान नंबर से फोन करके खुद को अपका रिश्तेदार बताएंगे। आपके खाते में पैसे भेजने के नाम पर आपसे मैसेज में आए ओटीपी को पूछेंगे।
- कई बार एटीएम के बाहर मदद के नाम पर आपको लोग मिल जाते हैं। ऐसा ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में होता है। ऐसे में आरोपी कार्ड कर खाते खाली कर देते हैं।
- बैंक अधिकारी बनकर कई बार शातिर फोन करते हैं। खाते का केवाईसी कराने के नाम पर एक मैसेज भेजते हैं। इसके बाद आपके फोन पर हैक कर लेते हैं।
शातिरों से कैसे बचा जाए
- कोशिश करें कि जिस कंपनी का आपको कस्टमर केयर नंबर चाहिए, उसी कंपनी की साइट पर जाकर नंबर लें। गूगल से बिना जांच के नंबर न लें।
- सोशल मीडिया पर किसी भी अनजान शख्स की फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट न करें। चाहे उस पर किसी की भी फोटो क्यों ही न लगी हो।
- आजकल शातिरों ने सेक्टॉर्शन का फंडा अपना लिया है। इसलिए अनजान शख्स की वीडियो कॉल को कभी न उठाएं।
- जब कोई आपको रिश्तेदार बनकर फोन करे तो पहले उस शख्स से लंबी बात करें। इसके बाद आपके फोन में सेव नंबर पर कॉल करके कंफर्म करें।
- अपना एटीएम कार्ड किसी भी अनजान शख्स को न दें। न ही किसी को अपना कार्ड इस्तेमाल करने के लिए दें।
- बैंकों की ओर से भी कहा जाता है कि किसी भी बैंक अधिकारी या बैंक प्रतिनिधि को ओटीपी या पासवर्ड न बताएं।