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Explainer: ईरान से आ रही हवाओं ने गायब कर दी कश्‍मीर से बर्फ? जानें इसकी वजह और क्‍या होगा असर

Snowfall in Jammu and Kashmir Ladakh: जम्मू कश्मीर में बारिश और बर्फबारी कम होना चिंता की बात है। इससे फसलों पर असर पड़ेगा। साथ ही पेयजल का भी संकट आ सकता है।

Edited By : Shubham Singh | Updated: Jan 16, 2024 14:46
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Snowfall in Jammu and Kashmir Ladakh
कश्मीर और लद्दाख में कम हुई बर्फबारी

Weather Update no snowfall in Jammu and Kashmir Ladakh Western Disturbance climate change: भीषण ठंड के बीच भी इसबार गुलमर्ग समेत पूरे कश्मीर में इसबार बर्फबारी कम हुई है। गुलमर्ग में अभी तक बहुत बर्फ पड़ती है जो पर्यटकों के आकर्षण की वजह बनती है। इसबार भी यहां पर्यटक पहुंचे हैं लेकिन बर्फबारी नहीं होने से निराश हैं। धरती का बढ़ता तापमान यानी ग्लोबल वॉर्मिंग भी इसकी वजह बताई जा रही है। पूरे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में इसबार बारिश और बर्फबारी की कमी रही। यहां दिसंबर की शुरुआत और पूरे जनवरी महीने में बर्फबारी होती है लेकिन इसबार मौसम ज्यादातर सूखा ही रहा।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों से पता चलता है कि जम्मू और कश्मीर में दिसंबर में 80 प्रतिशत और जनवरी में अब तक 100 प्रतिशत (बिल्कुल बारिश नहीं) बारिश की कमी देखी गई है। दिसंबर या जनवरी में लद्दाख में बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई है। पिछले कुछ सालों में बर्फबारी में भी कमी आई है। ऐसे कई वीडियोज सामने आए हैं जिसमें बर्फबारी की कमी देखी गई है। पहलगाम और हिमाचल प्रदेश में भी औसत से कम बारिश चिंता का विषय है।

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हर साल बढ़ रही है गर्मी

बर्फबारी में कमी की वजह पश्चिमी विक्षोभ की घटनाओं में गिरावट और तापमान का बढ़ना बताया जा रहा है। यह जलवायु परिवर्तन की वजह से है। इसकी वजह से हर साल गर्मी बढ़ती जा रही है। वैज्ञानिकों पूर्वी प्रशांत महासागर में प्रचलित अल नीनो घटना को इस साल बर्फबारी और बारिश में कमी की वजह बता रहे हैं।

सूखे मौसम की क्या है वजह

गुलमर्ग में इसबार सूखी सर्दी पड़ रही है। मौसम विभाग आने वाले दिनों में भी बारिश की संभावना नहीं जता रहा है। विभाग ड्राई मौसम की वजह अल नीनो को बता रहा है। सर्दियां बीतने वाली हैं और अभीतक कश्मीर में चिलई कलां (Chillai Kalan) का ऐलान नहीं हुआ है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की एक वैज्ञानिक ने एक समाचार वेबसाइट को बताया कि यह अल-नीनो की वजह से हो रहा है। इस वजह से मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर की समुद्री सतह गर्म हो जाती है जो मौसम में बदलाव की वजह बनता है। स्ट्रांग वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की कमी इसकी वजह है।

क्या है इसकी वजह

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि हिमालय क्षेत्र में सर्दियों में बारिश की मुख्य वजह पश्चिमी विक्षोभ होता है। ये अफगानिस्तान और ईरान की तरफ से पूर्व की तरफ बहने वाली हवाएं हैं। ये हवाएं भूमध्य सागर और यहां तक कि अटलांटिक महासागर तक से नमी लेकर आती हैं जिससे बारिश होती है। सर्दियों के दौरान हर महीने औसतन चार से छह पश्चिमी विक्षोभ की घटनाएं होती हैं।

इस सीजन में दिसंबर में एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ की घटना हुई थी, जिससे कोई बारिश नहीं हुई थी और जनवरी में भी इसी तरह की एक और घटना हुई थी। एक विशेषज्ञ के हवाले से बताया गया है कि हाल के दिनों में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस में गिरावट देखी जा रही है। आमतौर पर यह 5-6 बार होता है लेकिन अब 2-3 बार ही हो रहा है।

क्या होगा इसका असर

कश्मीर में कम बर्फबारी और बारिश की की वजह से बिजली के उत्पादन पर भी असर पड़ेगा। पेयजल की आपूर्ति पर भी असर पड़ेगा क्योंकि इससे भूजल भी प्रभावित होगा। आग लगने की घटनाएं बढ़ सकती हैं। फसलों को भी नुकसान होगा और कृषि उत्पादन में कमी आएगी।

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First published on: Jan 16, 2024 02:29 PM

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