IIT Mandi Controversy: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) एक बड़े विवाद में घिर गई है। संस्थान पर सरकारी आरक्षण के नियमों को दरकिनार कर कोर्स चलाने का आरोप लग रहा है। आरोप है कि संस्थान ने कंटेंट मार्केटिंग बिजनेसमैन और TEDx स्पीकर अनुराधा तिवारी के साथ मिलकर इस कोर्स को ‘मेरिट आधारित’बताकर प्रचार किया था। इसमें आरक्षण लागू नहीं था। हालांकि जब अंबेडकरवादी समूहों ने इसका विरोध किया तो संस्थान ने खुद को प्रमोटर अनुराधा से अलग कर लिया है। संस्थान ने कहा है कि वह भारत सरकार की आरक्षण नीतियों को पालन करता है। IIT मंडी की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया कि जो लोग गलत या भ्रामक जानकारी फैलाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
कंटेंट मार्केटिंग का काम करने वाली उद्यमी अनुराधा तिवारी ने दावा किया कि उन्होंने IIT मंडी के साथ मिलकर एक नौ महीने का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डेटा साइंस का कोर्स शुरू किया है। इस कोर्स में योग्यता के आधार पर स्कॉलरशिप (आर्थिक मदद) दी जाएगी और इसमें कोई आरक्षण नहीं होगा। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस कोर्स का प्रचार किया और कुछ स्क्रीनशॉट्स शेयर किए। इनमें उन्होंने दिखाया कि IIT मंडी ने उन्हें कोर्स के प्रचार में ‘नो रिजर्वेशन’ लिखने को कहा था। अनुराधा ने यह भी कहा कि वह सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए ऐसे कोर्स शुरू करना चाहती हैं, ताकि उन्हें उनकी योग्यता के आधार पर मौके मिलें।
संस्थान से झाड़ा पल्ला
अनुराधा की इस पोस्ट को लेकर आईआईटी की ओर से 16 जून 2025 को सोशल मीडिया साइट पर एक बयान जारी किया गया। इसमें कहा गया कि उनका अनुराधा तिवारी के साथ कोई संबंध नहीं है और वह उनके ‘नो रिजर्वेशन’ वाले दावे को सपोर्ट नहीं करते हैं। संस्थान ने बताया कि वह भारत सरकार की आरक्षण नीतियों का पूरी तरह पालन करता है। इन नीतियों में SC, ST, OBC और EWS वर्ग के विद्यार्थियों के लिए सीटें आरक्षित होती हैं। IIT मंडी ने यह भी कहा कि जो लोग गलत या भ्रामक जानकारी फैलाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गलत हूं तो करें मुकदमा…!
IIT मंडी के बयान के बाद अनुराधा ने अपनी बात पर डटकर जवाब दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि ‘अगर मैंने कोई गलत बात कही है, तो IIT मंडी मुझ पर 1 करोड़ का मुकदमा करे, अगर उनमें हिम्मत है!’ उन्होंने एक स्क्रीनशॉट भी शेयर किया, जिसमें IIT मंडी के सेंटर फॉर कंटिन्यूइंग एजुकेशन (CCE) का ‘माइनर इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस’ कोर्स दिखाया गया। उन्होंने कहा कि इस कोर्स की वेबसाइट पर आरक्षण का कोई जिक्र नहीं है और लोगों से खुद जांच करने को कहा।
अनुराधा ने यह भी बताया कि वह सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए स्किल-बेस्ड कोर्स शुरू करने की कोशिश कर रही हैं, ताकि उन्हें बिना आरक्षण के योग्यता के आधार पर अवसर मिलें।
I Dare IIT Mandi to sue me if there was any misinformation.
Sue me in court for 1 crore–– if you have Guts!
Looks like they’re so scared of Ambedkarites- they’re now lying about Reservation in their own course.
Reality of govt colleges run by GC tax money! #ShameOnIITMandi https://t.co/WQ7miTLHOK
— Anuradha Tiwari (@talk2anuradha) June 15, 2025
क्यों बढ़ रहा है विवाद?
यह मामला इस कारण चर्चा में आया क्योंकि भारत में आरक्षण एक बहुत संवेदनशील विषय है। सरकारी शिक्षण संस्थानों में SC (15%), ST (7.5%), OBC (27%) और EWS (10%) वर्ग के विद्यार्थियों के लिए सीटें आरक्षित होती हैं। अनुराधा के कोर्स में ‘नो रिजर्वेशन’के दावे ने कई लोगों को नाराज किया है। इसमें खिलाफ उन समूहों ने आवाज उठाई है, जो आरक्षण का सपोर्ट करते हैं। इन समूहों ने IIT मंडी से जवाब मांगा और कहा कि आरक्षण नीतियों का पालन न करना गलत है।
IIT मंडी ने तुरंत जवाब दिया कि संस्थान अनुराधा के साथ जुड़ा नहीं है और सरकारी नियमों का पालन करता है। कुछ लोगों का मानना हैं कि IIT मंडी ने यह बयान दबाव में दिया है। वहीं, अनुराधा का कहना है कि संस्थान ने पहले उनके साथ कोर्स के लिए बात की थी, लेकिन अब दबाव में पीछे हट रहा है।
कौन हैं अनुराधा तिवारी?
अनुराधा तिवारी एक कंटेंट मार्केटिंग कंपनी ‘जस्टबर्स्टआउट’ की मालिक हैं और TEDx में बोल चुकी हैं। वे पहले भी सोशल मीडिया पर आरक्षण नीति की आलोचना करती रही हैं। वे सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए स्किल-बेस्ड शिक्षा और अवसरों की बात करती हैं। वहीं, कुछ लोग उनके विचारों से सहमत हैं, जबकि कुछ इन्हें गलत मानते हैं।
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