Covid-19 JN.1 variant: भारत में कोरोना वायरस फिर से अपने पैर पसार रहा है। वायरस का JN.1 सब-वैरिएंट तेजी से फैल रहा है। क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाने के लिए कई लोग देश-विदेश की यात्राएं कर रहे हैं। ऐसे में वैरिएंट के तेजी से फैलने से यह सवाल मन में आ रहा होगा कि क्या कहीं जाना सुरक्षित होगा?
केरल और गोवा में Covid JN.1 variant के मामले आए सामने
दरअसल, भारत में केरल और गोवा में JN.1 वैरिएंट के कई मामले सामने आए हैं। ये दोनों लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं। इसके अलावा, सिंगापुर, मलेशिया, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम में भी वैरिएंट तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। JN.1 स्ट्रेन ओमिक्रोन का एक सब-वैरिएंट है। इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया है।
आइए, जानते हैं कि देश और दुनिया में JN.1 के मामले कितने तेजी से बढ़ रहे हैं और क्रिसमस या नए साल का जश्न मनाने के लिए कहीं जाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना होगा…
भारत
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, भारत में गुरुवार को कोविड-19 संक्रमण के 594 मामले दर्ज किए गए, जिसके बाद सक्रिय मामलों की संख्या 2311 से बढ़कर 2669 हो गई। देश में JN.1 सब-वेरिएंट के अब तक 26 मामले सामने आए हैं। गोवा में 19 मामले मिले हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, केरल में कोविड-19 के 265 नए मामले सामने आए हैं। संक्रमण की वजह से एक व्यक्ति को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है। वहीं, कर्नाटक में प्रशासन ने वरिष्ठ नागरिकों से मास्क पहनने को कहा है।
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राजस्थान में गुरुवार को JN.1सब-वैरिएंट के दो नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही राज्य में JN.1से प्रभावित मामलों की संख्या चार हो गई। इसे देखते हुए प्रशासन ने एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें लोगों से हल्की सर्दी, खांसी, बुखार या गले में खराश होने पर डॉक्टर से सलाह लेने को कहा गया है।
क्या कोरोना के बढ़ते मामलों का यात्रा पर असर पड़ेगा?
देश में जिस तरह से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, उससे लोग चिंतित है कि कहीं कोविड प्रतिबंधों को फिर से लागू न कर दिया जाए। हालांकि, हवाई अड्डों पर आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य करने की सरकार की अभी कोई योजना नहीं हैं। लोगों से मास्क पहनने और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने का आग्रह किया गया है।
संयुक्त राज्य अमेरिका
संयुक्त राज्य अमेरिका में कोविड के मामलों में पिछले दिसंबर के बाद से तेजी से इजाफा हुआ है। न्यू जर्सी, इंडियाना, मिशिगन, डेलावेयर और उत्तरी कैरोलिना ऐसे राज्यों में शामिल हैं, जहां कोरोना के ज्यादा मामले सामने आए हैं। यहां JN.1 स्ट्रेन तेजी से बढ़ रहा है, जो लगभग 20 प्रतिशत नए संक्रमणों का कारण है।
मलेशिया
मलेशिया में नवंबर के आखिरी सप्ताह में कोरोना के 6796 मामले सामने आए थे, जो 10 दिसंबर तक बढ़कर लगभग 13 हजार हो गए। यहां 10 दिसंबर से 16 दिसंबर तक 20696 मामले दर्ज किए गए, जो एक सप्ताह पहले रिपोर्ट किए गए मामलों से 62 प्रतिशत ज्यादा थे।
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हालांकि, लॉकडाउन के प्रतिबंधों को बहाल करने की सरकार की अभी कोई योजना नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री डजुलकेफ्लाई अहमद ने लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनने की सलाह दी है।
इंडोनेशिया
इंडोनेशिया में JN.1 सब-वैरिएंट का पता चला है। यहां 20 दिसंबर को 41 मामले सामने आए। यहां यात्रा पर कोई प्रतिबंध नहीं है। मास्क संबंधी कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।
यूनाइटेड किंगडम
यूनाइटेड किंगडम, खासकर इंग्लैंड और स्कॉटलैंड में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लंदन सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां JN.1 वैरिएंट तेजी से फैल रहा है। अगर आप यहां पर जाने की योजना बना रहे तो मास्क पहनना अनिवार्य नहीं है।
सिंगापुर
सिंगापुर में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां 18 दिसंबर से भीड़-भाड़ वाली जगहों पर लोग मास्क पहनना अनिवार्य है। सरकार ने इसे लेकर दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। यात्रियों को एयरपोर्ट पर मास्क पहनने, भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचने और यात्रा बीमा खरीदने की सलाह दी है।