फेमस कुचिपुड़ी नृत्यांगना अरुणिमा कुमार को उनके डांस के लिए जाना जाता है. अपने बेहतरीन ट्रेडिशनल नृत्य के जरिए ही उन्होंने खास पहचान बनाई है. अब उन्होंने अपने लंबे और सफल करियर में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है. वह किंग चार्ल्स तृतीय द्वारा मानद ब्रिटिश एम्पायर मेडल (बीईएम) से सम्मानित होने वाली पहली कुचिपुड़ी नृत्यांगना बन गई हैं. मानद बीईएम स्थानीय समुदायों की सेवा के लिए दिया जाने वाला शाही सम्मान है. ऐसे में चलिए इस बड़ी उपलब्धि को पाने वाली अरुणिमा के बारे में बताते हैं.
अरुणिमा कुमार के बारे में बात की जाए तो उन्होंने सात साल की उम्र में नृत्य की ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया था. उन्होंने पद्मश्री गुरु जयराम राव और वनश्री राव जैसे फेमस गुरुओं से नृत्य सीखा है. वह वर्तमान में यूके में रहती हैं. उन्हें उनके अद्भुत काम के लिए कई सम्मान और पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. इसमें प्रतिष्ठित उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार भी शामिल है, जो कि संगीत नाटक अकादमी का 2008 का प्रतिष्ठित सम्मान है. अरुणिमा को ये सम्मान भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया गया था. इतना ही नहीं, उन्हें नृत्य के लिए दिल्ली राज्य साहित्य कला परिषद छात्रवृत्ति, श्रृंगारमणि उपाधि, राष्ट्रीय टेलीविजन का ‘ए ग्रेड कलाकार’ जैसे सम्मान मिल चुके हैं.
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विदेश की धरती पर भी कमाया नाम
इतना ही नहीं, अरुणिमा कुमार ने विदेश की धरती पर भी खूब नाम कमाया. उन्हें 2015 में वन डांस यूके के मेंटरिंग प्रोग्राम के लिए भी चुना गा था. अप्रैल 2025 में अरुणिमा को फिक्की एफएलओ पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्होंने ब्रिटेन के सभी प्रमुख कार्यक्रमों और आयोजनों के लिए कोरियोग्राफी और प्रदर्शन भी किया है, जिनमें बकिंघम पैलेस, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वेम्बली स्टेडियम यात्रा, जहां उन्होंने 70,000 लोगों और विश्व मीडिया के सामने अपनी कोरियोग्राफी प्रस्तुत की थी.
बकिंघम पैलेस के अलावा, उन्होंने सिडनी के ओपेरा हाउस, क्यूपर्टिनो, यूएसए, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड, रियो डी जेनेरो फेस्टिवल ऑफ आर्ट्स, ब्राजील, कैनबरा फेस्टिवल, थाईलैंड सांस्कृतिक महोत्सव, मनीला फेस्टिवल और दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलों जैसे कई अंतरराष्ट्रीय नृत्य स्थलों पर प्रदर्शन किया.
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ब्रिटिश सम्मान मिलने पर क्या बोलीं अरुणिमा?
ब्रिटिश सम्मान मिलने के बाद अरुणिमा कुमार ने पीटीआई से बात की और आभार भी जताया. उन्होंने कहा कि राजा का सम्मान प्राप्त करना उनके लिए एक अविश्वसनीय सम्मान है. उन्होंने इस दौरान अपने काम में विश्वास रखने वाले लोगों और अंतर्राष्ट्रीय मान्यता के लिए आभार भी व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि उनके लिए ये सम्मान केवल व्यक्तिगत ही नहीं, बल्कि विश्व मंच पर भारतीय शास्त्रीय नृत्य का उत्सव है. अरुणिमा ने कहा कि कुचिपुड़ी उनका आजीवन साथी रहा है.
वर्तमान में, अरुणिमा कुमार अपनी अगले प्रोजेक्ट, ‘समर्पणम- ए डांस ऑफरिंग’ की तैयारी कर रही हैं, जो ब्रिटिश काउंसिल इंडिया के सहयोग से बनाया गया है.
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