Chhaava Movie Review: फिल्म ‘छावा’ से विक्की कौशल एक बार फिर दर्शकों को इंप्रेस करने के लिए आ गए हैं। रश्मिका मंदाना के साथ विक्की की जोड़ी पहली बार पर्दे पर आई है। 14 फरवरी को फिल्म ने सिनेमाघरों में दस्तक दे दी है। चलिए आपको बताते हैं फिल्म में नजर आने वालीं 5 खामियां, जिन्हें देखकर आपका दिमाग जरूर हिल सकता है।
मेन मुद्दे पर आने में बहुत समय
फिल्म शुरू होती है सभी किरदारों का दर्शकों के साथ एक-एक करके परिचय कराया जाता है। हालांकि फिल्म की कहानी का मेन मुद्दा औरंगजेब की मुगलों की फौज के साथ मराठा साम्राज्य का युद्ध है लेकिन मेकर्स और डायरेक्टर ने वहां तक जाने में कहीं ना कहीं बहुत ज्यादा समय कर दिया है जिससे फिल्म शुरुआत में कहीं पर गुम लगती है।
फिल्म की स्लो स्टोरीलाइन
फिल्म का पहला हाफ काफी ज्यादा स्लो लगता है जिसमें दर्शकों को कोई वाव मूमेंट नहीं मिल पाता, ना कोई ऐसा सीन ऑडियंस को दिखता है जिसे देखने बाद लोग अपनी सीटों से उठकर तालियां बजाएं। फिल्म इसी वजह से दर्शकों के इमोशन्स को अपने साथ शुरुआत के कुछ समय तक तो जोड़ने में कामयाब नहीं रहती। हालांकि बाद में फिल्म पेस पकड़ती है और भर-भर के इमोशन्स, ड्रामा और एंटरटेनमेंट देखने को मिलता है।
कोई खास कहानी ना होना
फिल्म को पर्दे पर दिखाया तो बहुत बेहतरीन तरीके से हुआ है लेकिन इसकी कहानी बहुत सिंपल लगती है। छत्रपति संभा जी महाराज की कहानी काफी प्रिडिक्टिव भी है और ऑडियंस को पहले से ही पता होता है कि अब आगे क्या होने वाला है।
फिल्म की स्टारकास्ट में दम नहीं !
विक्की कौशल को छोड़ दिया जाए तो बाकी सभी किरदारों को ना तो इतना पावरफुल दिखाया गया है और ना ही किसी ने उस हिसाब से खुद को पेश किया है। रश्मिका मंदाना ने येसूबाई के किरदार में खुद को ढालने की पूरी कोशिश की है लेकिन अगर सिर्फ प्रयास के नंबर्स होते तो उन्हें सफल माना जा सकता था वैसे वो इससे अच्छा कर सकती थीं या फिर किसी और को उनका किरदार दिया जा सकता था।
फिल्म में कोई खास गाना नहीं
अगर इस तरह की पीरियड ड्रामा फिल्मों की बात करें तो चाहे बाजीराव मस्तानी हो या फिर जोधा अकबर या फिर हो पद्मावत हर फिल्म में एक से बढ़कर एक गाने रहे हैं लेकिन इस फिल्म में कोई ऐसा गाना नहीं है जो दिल को छू जाए।
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