---विज्ञापन---

एंटरटेनमेंट

देश में तेजी से बंद हो रहे सिनेमा हाल की सच्चाई को बयान करती है वरदराज स्वामी की फिल्म ‘रोमांटिक टुकड़े’

हर दिन देश में सिनेमा हॉल बंद हो रहे हैं। आलम यह है कि देश में अब ज़िला स्तर पर एकाध थिएटर रह गया है या वो भी आखरी साँस ले रहा है। देश में हर दिन दम तोड़ती सिनेमा हॉल की क्या है सच्चाई? क्या वाकई ये कोई षड्यंत्र हैं? बॉलीवुड के डायरेक्टर वरदराज […]

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Mar 8, 2024 19:53
Romantic Tukde

हर दिन देश में सिनेमा हॉल बंद हो रहे हैं। आलम यह है कि देश में अब ज़िला स्तर पर एकाध थिएटर रह गया है या वो भी आखरी साँस ले रहा है। देश में हर दिन दम तोड़ती सिनेमा हॉल की क्या है सच्चाई? क्या वाकई ये कोई षड्यंत्र हैं?

बॉलीवुड के डायरेक्टर वरदराज स्वामी ने भारत में तेज़ी से बंद हो रहे सिनेमा हॉल के बैकड्रॉप पर एक फिल्म बनाई है जिसका नाम है ‘रोमांटिक टुकड़े’ इस फिल्म के पूरी होने के अनाउंसमेंट के साथ ही सिनेमा जगत में ये फिल्म चर्चा का विषय बन गयी है और लोग फिल्म देखने के लिये काफी उत्तेजित हैं|

---विज्ञापन---

क्या है इसकी सच्चाई? कौन है जिम्मेदार? इस पर डायरेक्टर वरदराज स्वामी का कहना है कि “सच्चाई चाहे जो भी हो पर ऐसा लगने लगा है कि बहुत जल्द देश के मेट्रोपॉलिटन सिटी को छोड़कर सारे सिनेमा हॉल बंद हो जायेंगे और फिर वह दिन दूर नहीं होगा जब मेट्रोपॉलिटन सिटी के मल्टीप्लेक्स थिएटर फिल्मों के बजट निकालने में असमर्थ हो जायेंगे|

50 के दशक से लेकर 90 के दशक की बात करें तो बहुत बदलाव देखने को मिला है। पहले सिनेमा देखने के लिए दूर दूर तक जाते थे। फिर धीरे धीरे शहर और गाँवों तक सिनेमा पहुंच पाया था। लेकिन 2010 पहले तक सिनेमा का बहुत क्रेज हुआ करता था लेकिन फिर सिनेमा डीवीडी सीडी से निकलकर एंड्राइड मोबाइल और इंटरनेट के माध्यम से डिजिटल हुआ। अब OTT प्लेटफार्म और वेब सीरीज, वेब फिल्मों ने भारतीय सिनेमा हॉल की कमर तोड़ कर रख दिया।

---विज्ञापन---

एक्टर अचानक अपनी फीस 20 से 30 करोड़ मांगना शुरू कर देता है। डायरेक्टर भी फिल्म पूरी करने के लिए 10 से 15 करोड़ रुपया चार्ज कर देता है। उधर म्यूजिक डायरेक्टरस, सिंगर्स एवं अन्य टेक्नीशियनस भी बेभाव रेट मांगना शुरू कर देते हैं। ऊपर से पब्लिसिटी रिलीजिंग कॉस्ट 5 करोड़ से 10 करोड़ अलग से चली जाती है जो फिल्म 20 करोड़ में कंप्लीट होनी थी। वो अब 80 करोड़ को पार कर जाती है, जबकि कॉन्टेंट वाइज देखे तो वो फिल्म 80 करोड़ की नहीं थी, फिर भी मजबूरन 80 करोड़ रुपये लगाए गए।

उस फ़िल्म की रिकवरी कैपेसिटी 30 से 40 करोड़ थी| तो मजबूरन फिल्म की रिकवरी के लिए सिनेमा हॉल का टिकट रेट 500 से1000 रूपया करना पड़ता है| सोचिए भारत में 500 से 1000 रुपये की टिकट खरीदकर सिनेमा देखने वाले कितने लोग हैं? ऊपर से फेसबुक, इंस्टाग्राम, युटुब, रील्स जैसे घरेलू डिजिटल प्लेटफार्म और लोगों के जीवन में अचानक समय की बेहद कमी भी एक महत्वपूर्ण कारण है|

फिल्म रोमांटिक टुकड़े एक रियलिस्टिक फिल्म है। फिल्म रोमांटिक टुकड़े भारत में तेजी से बंद हो रहे सिनेमा हॉल का दर्द बयां करती है और दर्शकों को सोचने पर विवश करती है| फ़िल्म ‘रोमांटिक टुकड़े’ में पंकज बेरी, निकुंज मलिक, अमिया अमित कश्यप, धामा वर्मा, भक्त पुंजानी, ब्रजेश झा, राहुल कुरियाल और विवेकानंद झा जैसे सशक्त कलाकार अहम भूमिका में हैं| फिल्म का निर्माण विजय बंसल, प्रिया बंसल ने‌ किया है और सह-निर्माता आसिफ़ ख़ान और वेदर फिल्म हैं|

(drtroublesauce.co.uk)

First published on: Jun 20, 2023 11:06 AM

संबंधित खबरें

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.