भारत में हमेशा से ही प्रेम विवाह और अरेंज मैरिज को लेकर लम्बी बहसें होती रही हैं. शादियों को लेकर भारत में एक कहावत बेहद मशहूर है, वो कहावत कुछ ऐसी है- जो खाए वो भी पछताए, जो ना खाए वो भी पछताए!
उल्लेखनीय है कि देश के छोटे-छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में आज भी प्रेम विवाह करना वर्जित है. लोग एक-दूसरे से प्यार करते भी हैं तो उनकी मोहब्बत शादी के मुकाम तक नहीं पहुंच पाती है. प्रेम प्रसंगों को दिखाते ऐसे ही संजीदा विषयों और सामाजिक हालात पर इश्क़ज़ादे, मोहब्बतें, फ़ना जैसी कई फ़िल्में भी बन चुकी हैं जहां लड़का और लड़की एक-दूसरे से शिद्दत से प्यार तो करते हैं, मगर उन्हें अपने रिश्ते को निभाते और संभालते हुए कई तरह की मुश्क़िलों का सामना करना पड़ता है.
ऐसे ही मिलते-जुलते विषय और पृष्ठभूमि पर ‘द कन्वर्ज़न’ नामक फ़िल्म जल्द ही सिनेमाघरों में रिलीज़ होने जा रही है. यह पूरी तरह से बॉलीवुड फ़िल्मों की तर्ज़ पर बनाई गयी फ़िल्म है, जिसके ज़रिए भारत में प्रेम विवाह के दौरान धर्म परिवर्तन की कोशिशों से जुड़े मुद्दे को बड़े ही संजीदा तरीके से उठाया गया है.
विनोद तिवारी निर्देशित ‘द कन्वर्ज़न’ में विंध्या तिवारी और प्रतीक शुक्ला लीड रोल्स में नज़र आएंगे. अपने सशक्त अभिनय के लिए जाने जानेवाले इन दोनों कलाकारों के अलावा फ़िल्म में रवि भाटिया, विभा छिब्बर, मनोज जोशी, अमित बहल, सुनीता राजभर, संदीप यादव और सुशील यादव जैसे उम्दा कलाकार भी अलग-अलग भूमिकाओं में दिखाई देंगे.
फ़िल्म के निर्देशक विनोद तिवारी कहते हैं, “हमने इस फ़िल्म के निर्माण के दौरान पेश आईं कई बाधाओं को पार कर इसे पूरा किया है और हमें इसे देशभर में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में प्रदर्शित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं.”
‘द कन्वर्ज़न’ की लेखिका हैं वंदना तिवारी, इस फ़िल्म का निर्माण राज पटेल, विपुल पटेल और राज नोस्त्रम ने ‘नोस्त्रम एंटरटेनमेंट हब’ बैनर के तले मिलकर किया है. फ़िल्म का सुमधुर संगीत अनामिक चौहान ने दिया है, फ़िल्म को बड़ी ही ख़ूबसूरती से छायांकित किया है नवनीत बिओहर ने जबकि फ़िल्म को संजय शुक्ला ने बख़ूबी संपादित किया है. ‘द कन्वर्ज़न’ 06 मई, 2022 को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज़ की जाएगी.