Khoon Bhari Maang : वो झन्ना देने वाली चीख, आधा खराब चेहरा, आँखों में गुस्सा, खुले बालों में घुड़सवारी और पति से बदला लेने का जूनून— ये सब कुछ रेखा की उस फिल्म की कहानी से जुड़ा है जिसका नाम है ‘खून भरी मांग’। इस फिल्म में रेखा के किरदार ने न सिर्फ लोगों का दिल जीत लिया था बल्कि फिल्म परदे पर जबरदस्त हिट भी हुई थी। इस फिल्म को राकेश रौशन ने डायरेक्ट किया था जो 1988 की टॉप रेटेड फिल्मों में शामिल थी। आज फिल्म के 35 साल पूरे होने के अवसर पर राकेश रोशन ने एक मजेदार खुलासा किया है जिसके तार एक्ट्रेस रेखा से जाकर मिलते हैं।
कैसे मिला रेखा को फिल्म का ऑफर?
असल में राकेश रोशन ने फिल्म से जुड़ी पुरानी यादों को ताजा करते हुए एक अनसुना किस्सा सुनाया। राकेश ने बताया कि वो एक अलग और नई कहानी पर काम करना चाहते थे जिसके बाद उन्होंने ‘खून भरी मांग’ की स्क्रिप्ट तैयार की और रेखा के पास पहुंचे। कमाल की बात यह थी की जब राकेश रोशन ने इस फिल्म की कहानी तैयार की थी तब उनके दिमाग में स्टार कास्ट को लेकर कोई क्लू नहीं था। वो बस फिल्म की कहानी लिए रेखा के पास गए और रेखा कहानी सुन बहुत खुश और
एक्ससिटेड हो गई थीं।
रेखा का जोश देख राकेश रोशन को भी कहानी के प्रति हौसला मिला क्योंकि राकेश रोशन को सिर्फ यही पता था कि इस फिल्म की लीड रोल में रेखा फिट बैठती हैं। लिहाजा उन्होंने रेखा को ध्यान में रखते हुए ही फीमेल लीड का करैक्टर बिल्ड किया था।
कैसे चुने गए फिल्म के नेगेटिव किरदार?
राकेश रोशन ने आगे बताया कि लीड के लिए रेखा का चयन हो जाने के बाद उन्हें एक स्मार्ट, हैंडसम और चार्मिंग हस्बैंड की तलाश थी जिसके लिए उन्होंने कबीर बेदी को चुना।
साथ ही, राकेश को एक फ्रेश चेहरा चाहिए था जो नेगेटिव रोल निभा सके बतौर फीमेल करैक्टर। इसलिए उन्होंने सोनू वालिया को फीमेल नेगेटिव किरदार के लिए चुना।
साथ ही, राकेश को एक फ्रेश चेहरा चाहिए था जो नेगेटिव रोल निभा सके बतौर फीमेल करैक्टर। इसलिए उन्होंने सोनू वालिया को फीमेल नेगेटिव किरदार के लिए चुना।
रेखा की घुड़सवारी से घबरा गए थे डायरेक्टर
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राकेश रौशन ने आगे कहा कि यूं तो इस फिल्म के कई किस्से हैं जो बड़े मजेदार हैं लेकिन सबसे दिलचस्प और डरा देने वाला किस्सा था रेखा की हॉर्स राइडिंग। डायरेक्टर ने आगे बताया कि रेखा के लिए चार घोड़े लाये गए थे ताकि रेखा अपने पसंद का घोड़ा चुने लेकिन तब उस वक्त रेखा ने उन्हें बताया कि वह घुड़सवारी नहीं जानती हैं और उन्होंने इससे पहले कभी भी हॉर्स राइडिंग नहीं की है।
हालांकि इसके बाद भी रेखा ने राकेश रौशन को भरोसा दिलाया कि वह हॉर्स राइडिंग जरूर करेंगी। इसके बाद रेखा घोड़े पर बैठीं और सवारी करना शुरू कर दिया। राकेश ने आगे कहा कि रेखा ने ऐसी घुड़सवारी की जैसे की वह जन्म से ही यह करती आ रही हों पर इसके बाद भी मैं घबराया हुआ था और मेरा दिल जोरों से धड़क रहा था कि कहीं रेखा घोड़े से गिर न जाए।
फिल्म के ये किस्से भी हैं दिलचस्प
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इस किस्से के अलावा, राकेश रोशन ने एक और किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि फिल्म का सबसे कठिन लेकिन सबसे अहम सीन वो था जब रेखा का हस्बैंड उन्होंने मारने की कोशिश करता है और मगरमच्छ के आगे पानी में धक्का दे देता है। राकेश ने इस सीन को नया और एक्ससिटेड बताते हुए फिल्म शूट के दौरान आने वाली दिक्कतों के बारे में भी बताया। डायरेक्टर ने कहा कि उनके पास समय नहीं था कहीं बाहर जाकर शूट करने के लिए लिहाजा उन्होंने कुनूर नाम की जगह को चुना। हालांकि इस जगह पर एक भी होटल नहीं था बस 100 लोगों के ठहरने के लिए एक गेस्ट हाउस जिसे राकेश रोशन ने बुक कर लिया। इसी गेस्ट हाउस में पूरी शूटिंग हुई और फिल्म ख़त्म हुई।