Ashwini kumar: आप कहने लगे हैं ना कि ओटीटी ने टीवी और फिल्मों से लोगों कनेक्शन तोड़ दिया है, आप इंतज़ार करने लगे हैं कि फिल्में और सीरीज़ ओटीटी पर आएं, और आप देख पाएं। यहां तक कि आप ये भी जताने लगे हैं कि पैंडेमिक के बाद ओटीटी ने न्यूज़, फिल्मों, और टीवी इंडस्ट्री को निचोड़कर रख दिया है।
आप बिल्कल सही हैं, क्योंकि इस सोच और एटीट्यूड ने वाकई पूरी दुनिया को बदलकर रख दिया है। दुनिया की सबसे हाईप्रोफाइल और क़ीमती फिल्म इंडस्ट्री – हॉलीवुड के राइटर, टेक्निशिन और एक्टर सड़क पर आ गए हैं। अवतार, डेडपुल, मिशन इंपॉसिबल-8, ग्लैडिएटर फ्रैंचाइज़ के साथ वेब सीरीज़ स्ट्रेंजर थिंग्स, फैमिली गाय और द सिम्पसंस का प्रोडक्शन रुक गया है।फिल्मों के रेड कारपेट प्रीमियर, प्रमोशनल इंटरव्यू, एमी अवॉर्ड्स और कॉमिक कॉन पर स्टॉप लग गया है… इंवेट्स पर तालाबंदी होने लगी है, उन्हे दोबारा रिशेड्यूल किया जाने लगा है।
सुनकर आपको शायद यकीन ना हो, लेकिन क्रिस्टॉफर नोलान की फिल्म ऑपेनहाइमर के न्यूयॉर्क रेड कॉरपेट प्रीमियर से उसके सिलियन मर्फ़ी और रॉबर्ट डाउनी जूनियर जैसे स्टार्स वापस चले गए…. स्पेशल ऑप्श – लायनेस, जिसमें जोइ सैल्डेना, लाइस्ला डे ओलिविएयरा, निकोल किडमेन, मोर्गन फ्रीमेन और माइकल केली जैसे स्टार्स थे, उसका प्रीमियर भी कैंसल कर दिया गया। जैसन सुडाइकिस और सुज़ैन सैरैंडन के साथ हज़ारों एक्टर्स सड़क पर उतर आएं हैं। गिनती लगाइए कि 1 लाख 60 हज़ार एक्टर-परफॉमर्स ने शुक्रवार से, राइटर्स गिल्ड ऑफ़ अमेरिका के 11 हज़ार 500 राइटर्स की स्ट्राइक को ज्वाइन कर लिया है, जो 2 मई से स्ट्राइक पर हैं।
आप पूछेंगे कि इसकी वजह क्या है… हॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में पिछले 60 साल में ऐसी स्ट्इक नहीं देखी गई… नतीजा ये होगा कि आप जिन फिल्मों का इंतज़ार कर रहे हैं, वो और लंबा… शायद एक-दो साल तक की देरी से हो जाए। जिन सीरीज़ को देखने के लिए आप बेताब हैं, उनके पुराने एपिसोड्स से आपको काम चलाना पड़े, क्योंकि राइटर, एक्टर और टेक्नीशियन – तीनों ने ही, बड़े-बड़े स्टूडियोज़ और स्ट्रीमिंग प्लेफॉर्म्स के खिलाफ़ आवाज़ बुलंद कर ली है। इस स्ट्राइक में हॉलीवुड के दो एसोसिएशन शामिल हैं – पहला द स्क्रीन एक्टर गिल्ड और दूसरा अमेरिकन फेडेरेशन ऑफ़ टेलीविज़न एंड रेडियो ऑर्टिस्ट यानि SAG-AFTRA. इसके साथ राइटर्स गिल्ड ने भी विरोध के झंडे उठा रखे हैं।
अब मुद्दा समझिए कि आखिर ये झगड़ा, ये संग्राम क्यो मचा है…
तो इसकी पहली वजह है – प्रोड्यूसर्स और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म, राइटर्स और परफॉमर्स को उनके हक़ का पैसा देने को तैयार नही हैं। स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड यानि SAG और एलायंस ऑफ़ मोशन पिक्चर एंड टेलीविज़न प्रोड्यूसर्स यानि AMPTP के बीच नए कॉन्ट्रैक्ट को लेकर जो बातचीत चल रही थी, वो टूट गई, क्योंकि प्रोड्यूसर्स – उन्हे एक अच्छी डील नहीं दे रहे हैं।
अब अच्छी डील का मतलब क्या है, वो ये कि मौजूदा हालात में जब सीरियल या सीरीज़ के री-रन का टीवी पर ट्रेंड तकरीबन ख़त्म हो चुका है, क्योंकि ओटीटी पर वो कंटेंट हमेशा मौजूद है, तो उन्हे – बेहतर पे दिया जाए, रॉयल्टी बढ़ाई जाए, उनके पेंशन में कॉन्ट्रीब्यूशन भी ज़्यादा किया जाए, हेल्थ प्लान बेहतर किए जाए और साथ ही सबसे बड़ी मुश्किल – AI, यानि ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से उनका बचाव किया जाए।
ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर अभी तक हम हॉलीवुड फिल्मों में ही देखते सुनते आ रहे थे, लेकिन अब ये हमारी दुनिया की सबसे बड़ी मुश्किल बन चुकी है। राइटर्स का दावा है कि AI का इस्तेमाल करके, प्रोड्यूसर्स स्क्रिप्ट पा रहे हैं… और एक्टर्स, परफॉरमर्स का कहना है कि ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के ज़रिए स्टूडियोज़ और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म उनकी आवाज़, पहचान, शख़्सियत का रिप्लेसमेंट तैयार कर रहे हैं, ताकि बिना फीस, बिना रॉयल्टी के वो अपना काम चला सकें।
ये कोई ऐसा दावा नहीं है, कि आप हंसी में उतार दें। दरअसल, कई फिल्मों और सीरीज़ में बिना एक्टर के उनके डायलॉग्स, AI की मदद से बदल दिए गएं। अगर एक्टर, सिर्फ़ अपना कसेंट दे दे, यानि हामी भर दे, तो बिना शूटिंग, डबिंग के स्टूडियो.. उसका रिप्लिका तैयार करके ऐड और लुक डिज़ाइन कर दे रहे हैं।
स्ट्रीमिंग के दौर पर, टेक्नॉलॉजी का ये खेल, एक्टर, परफॉर्मर, राइटर, टेक्नीशियन्स सबके लिए खतरा बनकर उभरा है। इस बीच, परफॉरमर्स का दावा है की उनकी फीस और वर्किंग कंडीशन पहले से बहुत बदतर हुई है। नतीजा ये है कि न्यूयॉर्क, लॉस एंजेल्स के साथ दुनिया के सबसे बड़े स्टूडियो और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के सामने एक्टर्स हाथ मे तख़्तियां उठाएं खडे हैं।
हॉलीवुड के बड़े-बड़े स्टार्स के साथ प्रियंका चोपड़ा ने भी SAG AFTRA strike को सपोर्ट किया है। कहा जा रहा है कि ये स्ट्राइक महीनों तक चल सकती है… और तब स्ट्रीमिंग पार्टनर, सिनेमा ऑनर, और स्टूडियो के पास पुराने कंटेंट को दिखाने के अलावा कोई चारा नहीं बचने वाला है।