60-70 के दशक की जानी-मानी अभिनेत्री प्रिया राजवंश की 27 मार्च को डेथ एनिवर्सरी थी। उनके निधन को 25 साल बीत चुके हैं। इतने साल बाद भी उनकी मौत के जिम्मेदार हत्यारे आजाद घूम रहे हैं। अपने पूरे करियर में सिर्फ सात फिल्में करने वालीं प्रिया राजवंश ने सिर्फ निर्देशक चेतन आनंद की फिल्में की। एक वक्त था जब निर्देशक के साथ उनके रिश्ते की खबरें गॉसिप गलियारों में छाई रहीं लेकिन कथित तौर पर चेतन आनंद की फैमिली ने दोनों के रिश्ते को पूरी तरह से नकार दिया था। फिल्म निर्माता कल्पना लाजमी, प्रिया राजवंश के निधन से पहले उन पर एक बायोपिक बनाना चाहती थीं।
बायोपिक बनाना चाहती थीं कल्पना
कल्पना लाजमी का कहना था कि प्रिया राजवंश की कहानी में उन्हें गहरी दिलचस्पी थी, क्योंकि कहीं न कहीं दोनों में उल्लेखनीय समानताएं थीं। जिस तरह प्रिया और निर्देशक चेतन के रिश्ते रहे थे, उसी तरह कल्पना भी 40 साल तक खुद से बड़े संगीतकार भूपेन हजारिका के साथ रिश्ते में थीं। खैर प्रिया राजवंश आज हमारे बीच में नहीं हैं। उनके अचानक निधन पर प्रिया राजवंश ने कहा था कि उनकी हत्या को कई साल बीत गए लेकिन वह इस क्रूरता को भूल नहीं सकीं। प्रिया की क्या गलती थी?
उनका कहना था, ‘प्रिया राजवंश तो चेतन आनंद के प्रति समर्पित थीं। उनके निधन के बाद भी उनके घर जाती थीं। इस तरह के एक गहन और अटूट प्रेम को ईर्ष्यालु, अधिकार जताने वाले, पैसे के लालची लोगों ने चकनाचूर कर दिया जिन्होंने उन्हें मारने का फैसला किया।’ बता दें कि प्रिया राजवंश की 27 मार्च 2000 को हत्या कर दी गई थी।
यह भी पढ़ें: सलमान खान ने बताया क्यों बंद हुई एटली की फिल्म? ‘टाइगर वर्सेस पठान’ पर दिया अपडेट
प्रिया राजवंश का डेब्यू
प्रिया राजवंश लंदन में थीं जब उनकी तस्वीरों को देखकर निर्देशक चेतन आनंद ने उन्हें मुंबई आने के लिए कहा था। फिल्म निर्माता की पत्नी उमा ने चेतन को प्रिया राजवंश की तस्वीरें दिखाई थीं। तस्वीरों को देखने के बाद चेतन ने तय कर लिया था कि प्रिया फिल्म ‘हीर रांझा’ में हीर का किरदार निभाएंगी हालांकि उससे पहले निर्देशक ने उन्हें फिल्म ‘हकीकत’ में कास्ट किया था।
क्या थी मौत की वजह?
बॉलीवुड का हिस्सा न होने के बावजूद प्रिया राजवंश एकांत में रहना पसंद करती थीं। हालांकि वह चेतन आनंद के निधन तक उनके प्रति पूरी तरह समर्पित रहीं। 1997 में चेतन के निधन के बाद उनकी संपत्ति को लेकर विवाद हुआ था। इसी विवाद ने प्रिया राजवंश की जान ले ली थी। उनकी फिल्मों के बारे में बात करें तो हकीकत (1964), हीर रांझा (1970), हंसते जख्म (1973) और हिंदुस्तान की कसम (1973) जैसी फिल्मों में प्रिया राजवंश नजर आई थीं।